अबकी बारी छिरौही, खिरखोरी व बघवारी, मौन रहे तो आगे तुम्हारे गाँव की पारी,

 

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। अब काँपर खनन हेतु सीधी जिले के तीन ग्रामों छिरौही, खिरखोरी व बघवारी में मनमाना अधिग्रहण और विस्थापन जन विरोधी एवं घोर आपत्तिजनक है। देश एवं प्रदेश में बेलगाम मनमाना अधिग्रहण विस्थापन और गांव के गांव उजाड़ने का सिलसिला चलाया जा रहा है। पौराणिक कथा केअनुसार, हिरण्याक्ष नामक दैत्य ने पृथ्वी को निगल लिया था। वह पृथ्वी को समुद्र में छिपाने के लिए ले गया था। विष्णु भगवान ने बाद में उसे समुद्र से वापस निकाला और पृथ्वी को उसकी जगह पर स्थापित किया।यह कथा है की सच्चाई है तब की बात है पर इस समय जिस प्रकार अवैधानिक तरीके से समस्त जमींनों को पूंजीपति लूट कर या चुरा कर अपनी करने पर उतारू है वह हिरण्याक्ष की कथा को सही सावित कर रहे है।सीधी जिले में जिस तरह से अलग-अलग परियोजनाओं के लिए गांव के गांव उजाड़नें का सिलसिला चल रहा है इसे रोका नहीं गया तो यहां के नागरिकों के वजूद को ही मिटा देगा।

 

सीधी जिले में विभिन्न परियोजनाओं के लिए उजड़ने वाले व प्रभावित गांव-

 

संजय टायगर रिजर्व – 54 गाँव सभी आदिवासी गाँव (मझौली कुसमी ब्लाक), आर्यन पावर कम्पनी-3 गाँव सभी आदिवासी गाँव (मझौली ब्लाक), महान बांध- 9 गाँव सभी आदिवासी गाँव (मझौली ब्लाक), अल्ट्राटेक सीमेंट- 11 गाँव (रामपुर ब्लाक), गोंड सिचाई परियोजना सोनगढ़- 13 गाँव सभी आदिवासी गाँव (कुसमी 5 वीं अनुसूची का ब्लाक), चूल्हि-बढौरा चूना पत्थर खदान- 12 गाँव (सीधी और रामपुर ब्लाक), सीतापुर हनुमना सिचाई परियोजना सोन नदी- 11 गाँव डूब क्षेत्र 38 गाँव नहर के लिए (सिहावल ब्लाक), कॉपर खनिज ब्लाक- 3 गाँव (सीधी ब्लाक)।

 

 जनप्रतिनिधियों से की आस तो बनेंगे पूंजीपतियों के दास।

 

सीधी जिले में जिस तरह से अधिग्रहण और विस्थापन का खेल किया जा रहा है उसे रोका नहीं गया तो जिले का अस्तित्व जल्द ही खत्म हो जाएगा यहां का नामो निशान मिट जाएगा। विस्थापन की जद में आने वाले शासकीय, अशासकीय स्कूल, अस्पताल, बैंक, विद्युत वितरण कार्यालय, पोस्ट ऑफिस थाना व इस तरह के और कई अन्य दर्जनों प्रतिष्ठान समाप्त होंगे। हमारे सांसद विधायक “खाओ पीओ मौज करो और भांटगिरी में लगे रहो”पर चल रहे है। जिले के भविष्य को अंधकारमय होने से बचाने के लिए विकास की छलपूर्ण बात करने वाले जनप्रतिनिधियों से सावधान होना होगा। जिले का विकास अगर इन परियोजनाओं के माध्यम से हुआ होता तो सीधी जिला देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक ना होता।भगवान विष्णु जिस तरह हिरण्याक्ष से पृथ्वी को छुड़ाकर वापस लाये थे उसी तरह जिले के नागरिकों को भी आज के हिरण्याक्ष से सीधी की धरती को बचाना पड़ेगा।

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