कनिष्ठ अभियंता की पदस्थापना में की जा रही नियमों की अनदेखी,

अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री पर उठ रहे सवाल जिले के एमपीईबी में नियमों की हो रही अनदेखी,

 

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। जिले में इन दिनों विद्युत विभाग की मनमानी चरम पर है, भार बढ़ाने से लेकर प्रभार दिलाने तक खेल चल रहा है।मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड सीधी वृत्त अन्तर्गत जमकर बंदरबाट किया जा रहा है। इतना ही नही मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड जबलपुर के डेलीगेश आफ पावर के पत्र को भी सीधी में दरकिनार कर किया जा रहा है और यह पूरा खेल अधीक्षण- यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री की सांठगांठ पर कनिष्ठ अभियंता का प्रभार दिया जा रहा है।  बता दें कि मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड सीधी वृत्त में तीन तरह के कनिष्ठ यंत्री है जिनको वितरण केन्द्र का प्रभार मिला पहले तो रेग्युलर कनिष्ठ अभियंता है जिनकी भर्ती कम्पनी द्वारा की जाती है तथा उपभोक्ता के विरूद्ध सभी प्रकार की कार्रवाई करने का अधिकार रहता है। वहीं दूसरे कनिष्ठ अभियंता (संविदा) होते इनकी भी नियुक्ती कम्पनी द्वारा की जाती है। जबकि प्रभारी कनिष्ठ अभियंता की नियुक्ति अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा बिना वरिष्ठता के की जाती है तथा इनकी शैक्षणिक योग्यता कक्षा 12 वीं पास एवं आईटीआई होल्डर होते है तथा कनिष्ठ यंत्री से विलो कैडर के कर्मचारी है इनकी नियुक्ती अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री की सांठ- गांठ पर होती हैं। जबकि इसके लिए मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड, जबलपुर के डेलीगेशन आफ पावर के पत्र क्रमांक एमडी/ई-जेड़े/ सीजेएम/एचआर एण्ड ए/2429 दिनांक 30 मार्च 2022 के आदेशानुसार पार्ट- ए सेक्शन. एक्स लीगल संक्र 03 में लेख है कि कनिष्ठ अभियंता से नीचे वाले कैडर के कर्मचारी को किसी भी शिकायत के आधार पर एफआईआर कराने एवं विद्युत प्रदाय का असंयोजन करना ऐसे प्रभारी अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। जबकि अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा प्रभार देकर न्यायालय में परिवाद दायर कराया जाकर जुर्माने की राशि जमां कराई जाती है तथा राशि न जमा करने पर उन्हें जेल भेजा जाता है।

 

 

इन जगहों पर नियुक्त किए गए जेई,

 

 

मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत विवरण कम्पनी लिमिटेड सीधी वृत्त अन्तर्गत जमकर मंनमानी की गई है। यहां सभी नियमों को ताक में रखकर कनिष्ठ अभियंताओं का प्रभार दिया गया है। बताया गया है कि सीधी शहर 1, बहरी, मड़वास, खड्डी, पटपरा एवं सेमरिया-हनुमानगढ़ में प्रभारियों के भरोसे छोड़ दिया गया है जो ये धड़ल्ले से जुर्माना एवं जेल भेजने की कार्रवाई करने में जुटे हुए है।

 

 

खारिज हो जाता है इनका प्रकरण,

 

 

अपुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार प्रभारी कनिष्ठ अभियंताओं के बिजली चोरी के बनाये गए प्रकरण न्यायालय में पहुंचने के बाद खारिज हो जा रहे है। बताया गया कि किसी भी प्रकार की जुर्माना एवं जेल भेजने की कार्रवाई इनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है बावजूद इसके ये इस प्रकार की कार्रवाईयों करने में जुटे हुए है जो न्यायालय में पहुंचने के बाद खारिज हो जा रहे है।

 

 

लोक आदलत नहीं पहुंचते मामले,

 

 

बताया गया है कि इस तरह नियम विरूद्ध की जा रही कार्रवाईयों के मामले में लोक अदालत नहीं पहुंचते है। जबकि इन प्रकरणों की सुनवाई करने से पूर्व अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता से मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड सीधी के परिपत्र की छाया प्रति प्राप्त करने के बाद ही प्रभारी अधिकारी द्वारा बनाये गए हैं लेकिन इनके प्रकरण लोक अदालत में नहीं दायर हो रहें हैं, जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा हैं।

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