सोनगढ़ पंचायत में फर्जी तरीके से आहरित हो लाखों की राशि,

बिना निर्माण कार्य कराए सरपंच सचिव ने किया फर्जीवाड़ा,

15 वें वित्त की राशि एक झटके में गायब,

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। कुसमी जनपद के ग्राम पंचायत सोनगढ़ का एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ हैं, यहां सचिव ने सरपंच से सांठगांठ कर बिना निर्माण कार्य कराएं ही लाखों रुपए हजम कर लिए हैं। हैरानी की बात यह है कि इस पूरे मामले का खुलासा होने के बाद भी जिम्मेवार अधिकारियों द्वारा दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।गौरतलब हो कि इन दिनों आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र कुसमी में निर्माण कार्यों के नाम फर्जी भुगतान का कारनामा लगातार उजागर हो रहा हैं, बावजूद इसके दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। मिली जानकारी अनुसार कुसमी के सोनगढ़ पंचायत में 15 वें वित्त से भेजी गई राशि को फर्जी बिल बाउचर लगाकर निकाल लिया गया है, आरोप है कि सरपंच श्रीमती मानबती सिंह से सांठगांठ कर सचिव राजेश मिश्रा ने करीब 28 लाख रुपए गुपचुप तरीके से आहरित कर लिया है। बता दें कि इस पंचायत में पदस्थ रहें पूर्व सचिव राजेश गुप्ता द्वारा भी जमकर अनियमितता की गई थी जिसके आरोप में उन्हें निलंबित कर दिया गया था लेकिन जिस मामले में सचिव को निलंबित किया गया था उसकी जांच आज तक पूरी नहीं हो सकी है। जबकि तत्कालीन सचिव राजेश गुप्ता ने अपने बेटे के नाम करोड़ों का भुगतान किया था।

 

कब कब भेजी गई थी राशि,

 

 

जानकारी अनुसार जिला पंचायत द्वारा ग्राम पंचायत सोनगढ़ में 15 वें वित्त से 07 मार्च 23 को 158621, 31मार्च 23 को

17349,11 अप्रैल 23 को

257991, 21 अप्रैल 23 को

171985,02 सितंबर 23 को

257632,02 सितंबर 23 को

171755, 22 मार्च 24 को

187083, 25 मार्च 24 को

562921, 27 मार्च 24 को

410000, 29 मार्च 24 को

235624, 17 मई 24 को

240703 को यह राशि भेजी गई थी जिसका कुल योग 27 लाख 97 हजार 811रुपए हैं। सूत्र बताते हैं कि सचिव राजेश मिश्रा ने सरपंच श्रीमती मानवती सिंह के साथ सांठगांठ कर समूची राशि बिना कार्य कराए ही आहरित कर ली है।

 

 

जांच हुई तो खुल सकते कई राज,

 

 

 

ग्राम पंचायत सोनगढ़ में बीते कई वर्षो से भ्रष्टाचार किया जा रहा है, शिकायत पर तत्कालीन सचिव को निलंबित कर दिया गया था लेकिन अब जिन्हें इस पंचायत का प्रभार दिया गया है वह पहले वाले से भी ज्यादा भ्रष्टाचारी निकला। कहा जा रहा है कि बीते एक पंचवर्षीय में इस ग्राम पंचायत में कराए गए निर्माण कार्यों की अगर जांच ईमानदारी पूर्वक कराई जाए तो कई करोड़ का फर्जीवाड़ा उजागर हो सकता है। सचिव राजेश मिश्रा द्वारा इस तरह से मनमानी तरीके से कई लाख रुपए आहरित कर चुके हैं।

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