खयानत के आरोपी को फिर बना दिया शाखा प्रबंधक,  फर्जी केसीसी एवं अन्य मामले में दर्ज है एफआईआर, प्रभारी सीईओ की कार्यप्रणाली पर लग रहें सवालिया निशान,

 

 

 

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सीधी के प्रभारी सीईओ की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है, इस बार उन्होंने जोर का झटका धीरे से दिया है और खयानत के आरोपी को ही शाखा प्रबंधक की जिम्मेवारी सौंप दी है। बता दें कि गुरूवार को जिला सहकारी बैंक सीधी के सीईओ चंद्रशेखर पाण्डेय ने सिंगरौली जिले के मोरवा शाखा की कमान ऐसे बैंक कर्मी को सौंपने का आदेश दिया है जिसके ऊपर वर्ष 2016 में जियावन शाखा में पदस्थगी के दौरान कई किसानों के नाम फर्जी केसीसी तैयार कर भारी भरकम राशि हजम कर ली थी, जिसकी जानकारी मिलने पर प्रभावित किसानों द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई, शिकायत के आधार पर तत्कालीन उप पंजीयक सहकारिता सीधी द्वारा जांच कराई गई थी जिसमें समिति प्रबंधक दान बहादुर सिंह द्वारा किए गए फर्जीवाडे का मामला प्रकाश आया था, उक्त मामले को लेकर उप पंजीयक सहकारिता ने जियावन थाना प्रभारी को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देष दिए गए थे, अभी यह मामला न्यायालय में विचाराधीन हैं। इसके अलावा दान बहादुर सिंह के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हैं जिसकी जांच जारी है।उल्लेखनीय है कि मोरवा शाखा में इसके पूर्व दान बहादुर सिंह के छोटे भाई नागेन्द्र सिंह को शाखा प्रबंधक की जिम्मेवारी सौंपी गई थीं जिनके द्वारा 11 करोड़ रुपए रूपये की फर्जी डीडी आबकारी ठेकेदारों को दी गई थी जिसके एवज में बैंक में न कोई जमा पूंजी रखी गई और न ही कोई संपत्ति बंधक बनाई गई थी, इस मामले में जिला सहकारी बैंक की किरकिरी पूरे प्रदेश में हुई थी। अभी इस मामले की जांच चल रही है और अब सीईओ चंद्रशेखर पाण्डेय ने करोड़ों के फर्जीवाड़े के आरोपी नागेन्द्र सिंह के बड़े भाई को उसी मोरवा शाखा का प्रबंधक बना दिया है।

यह हैं सीईओ का आरोप,

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सीधी के प्रभारी सीईओ चंद्रशेखर पाण्डेय ने गुरुवार 12 सितंबर को एक आदेश जारी किया है जिसमें प्रभारी मंत्री की अनुशंसा का कहीं उल्लेख नहीं है। सीईओ ने आदेश में यह लिखा है कि बैंक कार्य व्यवस्था एवं प्रशासनिक दृष्टिकोण के आधार पर दान बहादुर सिंह नोडल अधिकारी मुख्यालय शाखा अमिलिया को शाखा मोरवा में प्रभारी शाखा प्रबंधक पद पर पदस्थ किया जाता है। कमलेश चौबे प्रभारी शाखा प्रबंधक शाखा मोरवा को पूर्व की भांति समिति का कार्य संपादित करेंगे। जादेश तत्काल प्रभावशील होगा। शाखा प्रबंधक शाखा अमिलिया तत्काल दान बहादुर सिंह नोडल अधिकारी को कार्यमुक्त करें। कलेक्टर एवं बैंक प्रशासक द्वारा अनुमोदित।

सीधी में नहीं है प्रभारी मंत्री की जरूरत,

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा प्रशासनिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के उद्देश्य से प्रत्येक जिले में प्रभारी मंत्री बनाया हैं लेकिन सीधी जिले में बेलगाम हो चुकी प्रशासनिक व्यवस्था के आगे मुख्यमंत्री का फरमान भी बेअसर साबित हो रहा हैं, तभी तो जिला सहकारी बैंक सीईओ ने बगैर प्रभारी मंत्री की अनुशंसा ही तबादला शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि इस आदेश में प्रशासक द्वारा अनुमोदित का उल्लेख किया गया है, जबकि बैंक के प्रशासक कलेक्टर हैं, ऐसे में यह बात समझ से परे है कि सीईओ के पत्र पर कलेक्टर भी आंख बंद करके हस्ताक्षर कर रहे हैं। इस मामले को लेकर बैंक प्रशासक एवं कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी, सीईओ चंद्रशेखर पाण्डेय से मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन इन्होंने फोन नहीं उठाया।

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