कमिश्नर ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से की आपदा प्रबंधन की समीक्षा,

आपदा प्रबंधन से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाएं तत्काल दें – कमिश्नर,

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी । कमिश्नर कार्यालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग से रीवा संभाग के कमिश्नर बीएस जामोद ने बाणसागर परियोजना से जुड़े जिलों में बाढ़ की स्थिति में राहत एवं बचाव तैयारियों की समीक्षा की। कमिश्नर ने कहा कि सभी जिलों के अधिकारी बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा करके 25 जून तक राहत एवं बचाव कार्य से जुड़ी तैयारियां पूरी कर लें। बाढ़ की स्थिति में राहत शिविर लगाने के लिये स्थान के चयन से लेकर बचाव दल, राहत के उपकरण, दवाओं, खाद्य सामग्री की आपूर्ति तथा बिजली एवं पानी की व्यवस्था से जुड़ी कार्यवाहियां सुनिश्चित करें। बाढ़ पर नियंत्रण के लिये समय पर सूचनाओं का आदान-प्रदान आवश्यक है। जिला तथा तहसील स्तर पर बाढ़ नियंत्रण केन्द्र स्थापित करके इनमें प्रशिक्षित कर्मचारी तैनात कर दें। सूचनाओं का एक दूसरे को लगातार आदान-प्रदान करते रहें। बांधों से पानी छोड़े जाने अथवा लगातार वर्षा की स्थिति में सभी जिले सतत संपर्क में रहें। बाढ़ से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाएं तत्काल दें। कमिश्नर ने कहा कि बाणसागर बांध की अप स्ट्रीम तथा डाउन स्ट्रीम में बाढ़ संभावित क्षेत्र चिन्हांकित हैं। सभी एसडीएम अपने क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लें। बाढ़ से बचाव के लिये व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर विभिन्न विभागों के संबंधित अधिकारियों को जोड़ें। इस ग्रुप में गांव के कुछ व्यक्तियों तथा पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जैसे मैदानी कर्मचारियों को भी शामिल करें। समय पर सही सूचना मिलने से राहत और बचाव कार्य में आसानी होगी। बाणसागर बांध की डाउन स्ट्रीम में सीधी तथा सिंगरौली जिले के 129 गांव बाढ़ संभावित हैं। आपदा प्रबंधन के लिये संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश पत्र जारी कर दिये गये हैं। इनके अनुरूप कार्यवाही करें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए पर्याप्त दवाएं भण्डारित करा दें। बैठक में आईजी रीवा रेंज गौरव राजपूत ने कहा कि बाढ़ से बचाव के लिए समय रहते तैयारियां कर ली गई तो कोई परेशानी नहीं होगी। बाणसागर बांध में अधिकतम जल स्तर तक पानी आने से पहले ही उसे नियंत्रित रूप से छोड़ना शुरू कर दें। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के सदस्यों तथा होमगार्ड्स एवं राहत और बचाव से जुड़े अधिकारियों के मोबाइल नम्बर व्हाट्सएप ग्रुप में अपडेट कर लें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव के साथ-साथ पर्याप्त संख्या में लाइफ जैकेट भी भण्डारित कराएं। जल संसाधन विभाग, राजस्व विभाग तथा पुलिस विभाग के अधिकारी तत्परता से बाढ़ संबंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान करें। सभी कंट्रोल रूम एक दूसरे की सूचनाएं साझा करें। बैठक में मुख्य अभियंता गंगा कछार अशोक डेहरिया ने बाणसागर बांध के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बांध के जल भराव क्षेत्र में 79 गांव आंशिक रूप से डूब में आते हैं। इन गांवों में ही बाढ़ की समस्या होती है। बांध के पूरे क्षेत्र को 6 जोन में बांट कर जोनल अधिकारी तैनात कर दिये गये हैं। कटनी जिले के 27 गांव तथा उमरिया जिले के 18 गांव बांध के बैक वाटर से प्रभावित होते हैं। बैठक में लोक निर्माण विभाग को अति वर्षा की स्थिति में जलमग्न होने वाले पुल-पुलियों में संकेतक तथा बैरियर लगाने के निर्देश दिये गये।

 

बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी, अपर कलेक्टर अंशुमन राज, संयुक्त कलेक्टर एसपी मिश्रा सहित संबंधित विभागीय अधिकारी सम्मिलित हुए।

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