नेशनल लोक अदालत 10 मई को,

न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा,

 

 

बीरबल समाचार सीधी। प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री प्रयाग लाल दिनकर के मार्गदर्शन में 10 मई 2025 दिन शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। नेशनल लोक अदालत मेें आपसी राजीनामा से प्रकरणों का निराकरण सर्वाेत्तम तरीका है जिससे समय एवं धन की क्षति रूकती है और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी श्री मुकेश कुमार शिवहरे ने 10 मई 2025 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत की जानकारी देते हुए कहा कि समस्त प्रकार के राजीनामा योग्य प्रकरणों का निराकरण नेशनल लोक अदालत के माध्यम से किया जा रहा है जिससे प्रकरण पूरी तरह समाप्त हो जाता है और सभी पक्षकारों की जीत होती है। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी ने मध्यस्थता प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रक्रिया के अंतर्गत न्यायालय के बाहर आपसी समझौता होता है जिसे वापस न्यायालय में प्रेषित किया जाता है, तद्नुसार न्यायालय द्वारा समझौते का निर्णय दिया जाता है। नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा। लोक अदालत के माध्यम से राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरणों, सिविल प्रकरणों, चेक बाउंस प्रकरणों, वैवाहिक एवं पारिवारिक प्रकरणों, विद्युत अधिनियम के प्रकरणों, धन वसूली प्रकरणों आदि का निराकरण पक्षकारों की आपसी सहमति से किया जावेगा।

 

विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में मिलेगी छूट,

 

नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा। लोक अदालत के माध्यम से राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरणों, सिविल प्रकरणों, चेक बाउंस प्रकरणों, वैवाहिक एवं पारिवारिक प्रकरणों, विद्युत अधिनियम के प्रकरणों, धन वसूली प्रकरणों आदि का निराकरण पक्षकारों की आपसी सहमति से किया जावेगा। नेशनल लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के लिए निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, पॉंच किलो वाट तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी जावेगी। इन प्रकरणों में प्री-लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि में 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी। लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि में 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी। सामान्य विद्युत देयकों के विरूद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जावेगी। यह छूट मात्र नेशनल लोक अदालत दिनांक 10.05.2025 में समझौता करने के लिए ही लागू रहेगी। अपराध शमन फीस, अधिनियम के प्रावधान अनुसार वसूल की जावेगी।  सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी श्री मुकेश कुमार शिवहरे ने अपील की है कि आगामी दिनांक 10 मई 2025 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में बिजली कंपनी, नगर पालिका एवं राजस्व विभाग द्वारा जुर्माना राशि में छूट प्रदान की जाती है जिसके लिए आमजन को सूचित कर प्रोत्साहित करने का प्रयास कर, शासन द्वारा चलाई जा रही योजना का लाभ लें तथा विवाद विहीन समाज की संकल्पना को पूर्ण करने में सहयोग प्रदान करें।

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