पुराने बस स्टैण्ड के प्रतीक्षालय में व्यवसाइयों का कब्जा,
प्रतीक्षालय में विश्राम करने के लिये भटक रहे यात्री,
प्रतीक्षालय में दूर तक फैली हैं दुकानें,टूटी पड़ी हैं कुर्सियां,
बीरबल समाचार सीधी। शहर के सोनांचल बस स्टैण्ड के प्रतीक्षालय में अतिक्रमण होने से यात्रियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रतीक्षालय में दूर तक फैली बिसात खाना की दुकानों के साथ हाथ ठेलों का कब्जा होने से यात्रियों को बैठने तक की जगह नहीं बची है। बस स्टैण्ड स्थानांतरित होने के बाद फुटपाथी व्यवसाइयों के लिये खुली छूट मिल गई है। जबकि सोनांचल बस स्टैण्ड से भी कई रूट की बसें संचालित हैं और यहां हर रोज सैकड़ों की संख्या में यात्रियों का आना-जाना बना रहता है। इन यात्रियों के लिये बनाये गये प्रतीक्षालय में बैठने तक की जगह नहीं बची है। हालांकि बस स्टैण्ड स्थानांतरित होने के बाद पुराने बस स्टैण्ड को शॉपिंग काम्प्लेक्स में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन वर्तमान में इस बस स्टैण्ड से दक्षिण दिशा की ओर चलने वाली बसों में हर रोज काफी संख्या में यात्री सफर कर रहे हैं। इन यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान न तो नगर पालिका कर रहा है और न ही जिला प्रशासन। बस स्टैण्ड के यात्री प्रतीक्षालय में देखा जाय तो एक सैकड़ा दुकानें जमी हुई हैं। इन दुकानों में ज्यादातर बिसात खाना, फल फूल, चाय पान टपरा व अन्य मौसमी व्यवसाय करने वाले लोग कब्जा किये हुये हैं। बस स्टैण्ड प्रतीक्षालय में यात्रियों के लिये जो कुर्सियां रखी गई थी वह भी टूट चुकी हैं। ऐसे में यात्रा करने वाले यात्रियों केा बैठने तक की जगह नहीं मिल रही है। दुकानों की भीड़ होने के कारण अगर किसी यात्री का धक्का व्यवसायी के दुकान पर लग गई तो वाद विवाद की स्थिति भी निर्मित हो जाती है।
महिलाओं को सबसे ज्यादा होती हैं दिक्कत,
बस स्टैण्ड में महिला यात्रियों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खासकर उन महिलाओं केा जो बच्चों के साथ सफर करती हैं। नियमन दूसरी जगह प्रस्तावित बस स्टैण्ड का निर्माण न होने तक सोनांचल बस स्टैण्ड से संचालित बस व यात्रियों की सुविधाओं की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की है लेकिन इस मामले में प्रशासन लापरवाही कर रहा है। बस स्टैण्ड प्रतीक्षालय में जो पहले कुर्सियां रखी गई थी उनमें ज्यादातर टूट चुकी हैं। जिससे यात्रियों को बैठने के लिये दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जो कुर्सियां ठीक हैं उनके सामने विसात खाना व अन्य दुकान लगने से यह कुर्सियां भी यात्रियों के उपयोग में नही आ पा रही हैं। ऐसे में यहां से सफर करने वाली महिला यात्रियों केा ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मजबूरी में यात्री जमीन पर ही बैठ जाते हैं या फिर होटलों की कुर्सियां तलाश करते हैं। जहां उन्हें कुछ देर के लिये बैठने के एवज में खानपान भी करना पड़ता है।