शहरी क्षेत्र में तलघर बनाने का बढ़ा प्रचलन,

कार्रवाई न होने से बेखौफ हैं संचालक,

 

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। शहर में तमाम सुरक्षा मापदण्डों की अनदेखी कर तलघरों के निर्माण कराने का प्रचलन बढ़ चुका है। बाजार क्षेत्र में करीब एक दर्जन तलघरों का व्यवसायिक उपयोग भी किया जा रहा है। नगर पालिका की ओर से यातायात व्यवस्था को दुरुस्त बनाये रखने के लिए पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसके अलावा बैंकों एवं प्रतिष्ठानों के अलावा काम्पलेक्स मालिकों ने भी ध्यान नहीं दिया। जिसे लेकर बाजार में आने वाले लोग सडक़ पर वाहन खड़ा करते हैं। जिससे आये दिन जाम लगता है। पार्किंग व्यवस्था होने से यातायात व्यवस्था में सुधार आयेगा। जिसके लिए प्रतिष्ठानों एवं बनाये गये काम्पलेक्स मालिकों को पार्किंग के लिए व्यवस्था करना चाहिये। नगर में करीब दर्जन भर मार्केट में संचालकों द्वारा तलघरों का निर्माण कराकर उन्हें व्यवसायिक प्रयोजन के लिए किराये पर दिया गया है। तलघरों के निर्माण एवं संचालन को लेकर नगर पालिका प्रशासन आरंभ से ही पूरी तरह से लापरवाह रहा है। लिहाजा बिना किसी स्वीकृति के ही तलघर का निर्माण कराने का सिलसिला बाजार क्षेत्र में लंबे अर्से से चल रहा है। वर्तमान में सीधी के बाजार क्षेत्र में ऐसा कोई भी मार्ग नहीं है जहां तलघर का निर्माण एवं व्यवसायिक उपयोग न किया जा रहा हो। भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र संजीवनी पालिका बाजार क्षेत्र, गांधी चौक, लालता चौक, सोनांचल बस स्टैण्ड, गोपालदास मार्ग, कालेज मार्ग, मड़वास मार्ग आदि में तलघरों के निर्माण के साथ ही व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि जिस तरह से सीधी जैसे छोटे स्थान में तलघरों का निर्माण कार्य बाजार क्षेत्र में कराने एवं इनका व्यवसायिक उपयोग मनमानी तौर पर किया जा रहा है। उसकी वजह से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। उस दौरान जिम्मेदार अधिकारियों को जवाब देते भी नहीं बनेगा। ऐसे में जो तलघर बिना किसी स्वीकृति के बनाए गए हैं उन पर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करने की जरूरत है। तलघरों के निर्माण को लेकर काफी लंबी गाइडलाइन है जिसका पालन नहीं किया जा रहा है।

 

सर्वे कार्य को लेकर मनमानी,

 

 

नगर के बाजार क्षेत्र के साथ ही अन्य इलाकों में भी तलघरों का निर्माण कार्य कराने का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ा है। जानकारों के अनुसार नींव के कार्य के दौरान ही तलघर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाता है। इसके लिए नगर पालिका परिषद से कोई स्वीकृति लेने की आवश्यकता भी नहीं समझी जाती। नगर पालिका प्रशासन द्वारा तलघरों के निर्माण को गंभीरता से नहीं लिया गया है। जिसके चलते तलघर बनें मकानों एवं मार्केट का सर्वे तक नहीं कराया गया। इस मामले में चल रही लापरवाही के चलते ही बाजार क्षेत्रों में तलघरों का निर्माण काफी तेजी से किया जा रहा है। कई तलघरों का तो व्यवसायिक उपयोग भी फायदे के लिए किया जा रहा है। तलघरों का निर्माण कराने के साथ ही इसमें आवश्यक संशाधनों की व्यवस्था कराने में जिस तरह लापरवाही चल रही है उससे बड़े हादसे की संभावना भी बनीं हुई है। यदि कभी तलघरों के निर्माण एवं उपयोग के चलते बड़ा हादशा हुआ तो उस दौरान संबंधित अधिकारियों को भी जबाव देना मुश्किल हो जायेगा। ऐसे में तलघरों के निर्माण की सही जानकारी के साथ ही उनकी उपयोगिता को लेकर भी गंभीरता से कार्रवाई की दरकार है। नगर पालिका द्वारा तलघरों के निर्माण एवं उपयोग को लेकर सर्वे की कार्यवाही हाल ही में की गई थी। उस दौरान जो प्रतिवेदन तैयार हुए वह भी मनमानी तौर पर रहे हैं। सर्वे के दौरान पालिका सब्जी मंडी के पीछे एक कारोबारी द्वारा बिना किसी स्वीकृति के तलघर का निर्माण कराना पाया गया था। जिस पर नोटिस देकर तलघर को हटाने के आदेश दिए गए थे। फिर भी तलघर का निर्माण कार्य निर्बाध रूप से जारी रहा।

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