मलाई और इंस्पेक्टर मातादीन चांद पर का हुआ मंचन,

संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से तीन दिवसीय नाट्य उत्सव का किया गया आयोजन,

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। इन्द्रवती नाट्य समिति सीधी रंगमंच द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से तीन दिवसीय बहुभाषिक नाट्य उत्सव का आयोजन स्थानीय बैजनाथ सभागार सीधी में किया गया है जिसके प्रथम दिवस पहली प्रस्तुति सुप्रसिद्ध लेखिका गीता श्री द्वारा लिखित कहानी “मलाई” की गई जिसमें विनीता सिंह के शानदार अभिनय ने दर्शकों को भावुक कर दिया, कहानी में मां बाप व परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा लड़कियों पर किए जाने वाले दुर्व्यवहार और उपेक्षा पर कटाक्ष किया गया है,जिसका निर्देशन रजनीश जायसवाल द्वारा किया गया तथा प्रकाश संचालन धीरज पुरोहित व संगीत संचालन लवजीत ने किया था।दूसरी प्रस्तुति सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई की चर्चित व्यंग्य रचना “इंस्पेक्टर मातादीन चांद पर” की हुई जिसमें बतौर अभिनेता मंच पर आशुतोष कुमार शुक्ल ने अपने अभिनय के जादू से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने में सफल रहा,जिसका निर्देशन शहर के युवा रंग निर्देशक रोशनी प्रसाद मिश्र ने किया था, प्रस्तुति में संगीत का प्रयोग काफ़ी सराहनीय रहा।इस कहानी में शासन प्रशासन व्यवस्था पर तीखा कटाक्ष है जिसमें काल्पनिक कहानी के माध्यम से भारतीय पुलिस व्यवस्था पर तीखा व्यंग्य किया गया है।मंच परे प्रकाश संचालन लवजीत शर्मा और संगीत संचालन धीरज कुमार पुरोहित ने किया। कार्यक्रम से पूर्व विशिष्ट अतिथि शुभम (जिला संघ प्रचारक) व बाबूलाल कुंदेर संस्था प्रबंधक द्वारा दीप प्रज्ज्वलित की गई। नाट्य प्रस्तुति के उपरांत विशिष्ट अतिथि शुभम ने कहा कि महिलाओं की शिक्षा ही सुरक्षा है और शिक्षा ही सम्मान अगर महिलाएं शिक्षित रहेंगी तो उनको बराबरी का अधिकार मिल पाएगा क्योंकि महिला उत्पीड़न में भी 50 प्रतिशत महिलाओं की ही भूमिका होती है, आज मलाई कहानी के माध्यम से यही संदेश दिया गया है। वहीं दूसरी ओर इंस्पेक्टर मातादीन चांद पर की प्रस्तुति को लेकर संस्था संरक्षक डॉ अनूप मिश्र ने कहा कि रंगमंच समाज का आइना है जो सच्चाई को प्रकट करता है लेकिन समाज को भी चाहिए कि इस आइने का सम्मान करे और कमियों बुराइयों को दूर करने का प्रयास करे, उन्होंने यह भी कहा कि जब राजाओं का राज्य हुआ करता था तब भी कलाकार उसकी कमियों को कला के माध्यम से उजागर करते थे और जो होशियार राजा हुआ करते थे अपनी कमी को दूर कर सचेत और मुस्तैद हो जाते थे, आज की सरकार को भी ऐसे कलाकारों का सम्मान करना चाहिए और इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। नाट्य उत्सव परिकल्पना नीरज कुंदेर, संयोजन रोशनी प्रसाद मिश्र,स्थानीय प्रबंधन रजनीश जायसवाल और मंच प्रबंधन प्रजीत साकेत का रहा। नाट्य उत्सव में विशेष सहयोग एक्सट्रीम आर्ट एण्ड एजुकेशनल सोसाइटी सीधी का रहा।मंच संचालन स्नेहा कुमारी ने किया।अंत में समिति के सचिव नीरज कुंदेर ने अतिथियों व दर्शकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में शहर के कई गणमान्य नागरिक एवं सुधी दर्शक मौजूद रहे।

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