नाट्य उत्सव के दूसरे दिन “कचरे की हिफाज़त” और “प्रश्न कुंडली” का हुआ मंचन,
नाटक प्रश्न कुंडली में दिखी स्त्री पीड़ा,
कचरे की हिफाज़त नाटक ने देश की खोखली व्यवस्था को किया उजागर,
मानव का ज़हर कुत्ते के ज़हर से भी होता है खतरनाक – सरल,
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आयोजित किया जा रहा नाट्य उत्सव,
बीरबल समाचार सीधी। बैजनाथ सभागार सीधी में चल रहे “तीन दिवसीय बहुभाषिक नाट्य उत्सव” के के दूसरे दिन पहली प्रस्तुति सुप्रसिद्ध व्यंग्य नाटककार और पटकथा लेखक अशोक मिश्र द्वारा लिखित नाटक “कचरे की हिफाज़त” की हुई जिसमें बतौर अभिनेता अभिनय किया धीरज कुमार पुरोहित ने और निर्देशन किया था युवा रंग निर्देशक नीरज कुंदेर ने मंच परे प्रकाश संचालन लवजीत शर्मा और संगीत संचालन आशुतोष कुमार शुक्ल ने किया वहीं दूसरी प्रस्तुति सुप्रसिद्ध लेखिका गीता श्री द्वारा लिखित कहानी “प्रश्न कुंडली” की हुई जिसमें बतौर अभिनेत्री स्नेहा कुमारी ने चरित्र को जीवंत करने में सफल रही, निर्देशन नीरज कुंदेर ने किया था और प्रकाश सज्जा लवजीत शर्मा,संगीत संचालन आशुतोष शुक्ल तथा रूप सज्जा विनीता सिंह ने किया। कचरे की हिफाज़त एक गोल्ड मैडलिस्ट ब्लैक कमांडो की कहानी है जो एक मुख्यमंत्री के बॉडी गार्ड के रूप में ड्यूटी पर तैनात रहता है और उसी दौरान मुख्यमंत्री जी को एक पागल कुत्ता काट लेता है जिससे विक्षिप्त होकर मुख्यमंत्री बॉडी गार्ड जशवंत सिंह को काट लेते हैं, मुख्यमंत्री तो दवा से बच जाते हैं पर जशवंत सिंह नहीं बच पाते, इस कहानी में हमारे देश की खोखली व्यवस्था पर तीखा व्यंग्य है जो यथार्थ की चादर पर बुनी गई थी वहीं “प्रश्न कुंडली” में एक स्त्री की पीड़ा को उजागर किया गया है जिसमें एक परिवार में कैसे बाधाएं आती हैं और नष्ट करके रख देती हैं, वर्तमान परिदृश्य में अगर देखा जाए तो भारत पाश्चात्य सभ्यता से प्रभावित होता दिख रहा है स्त्री पुरुष अंतर्संबंधों में भी बाजारवाद हावी है जो उसे तोड़कर अपने व्यवसाय में इज़ाफ़ा चाहता है और सफल भी हो जाता है लेकिन इस कहानी में गीता श्री ने कहानी के अंत में यह संदेश दिया है कि एक स्त्री अपने आप में स्वयं पूर्ण है जरूरी नहीं कि जब पुरुष साथ हो तभी जीवन सफल हो सकता है।नाट्य मंचन से पूर्व विशिष्ट अतिथि ब्रिजेश सिंह सरल, डॉ.मनोज सिंह और शशिकांत मिश्र ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत किया। कार्यक्रम उपरांत विशिष्ट अतिथि ब्रिजेश सिंह सरल ने प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि आज की दोनों ही प्रस्तुति अद्भुत थीं जहां एक तरफ “कचरे की हिफाज़त” ने देश की खोखली व्यवस्था पर तीखा प्रहार किया वहीं “प्रश्न कुंडली” ने एक टूटते बिखरते परिवार को बाजारवाद (टैरो कार्ड रीडर) से बचाकर एक स्त्री को पुरुष के वगैर भी पूर्णता प्रदान किया है, डॉ मनोज सिंह ने कहा कि प्रस्तुति की जितनी भी सराहना की जाए कम ही होगी आज की दोनों ही प्रस्तुति सार्थक संदेश दे गईं। शशिकांत मिश्र और अतुल उपाध्याय ने भी आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के नाटकों की प्रस्तुति के माध्यम से परिवार और देश को बिखरने से बचाया जा सकता है। नाट्य उत्सव की परिकल्पना नीरज कुंदेर, संयोजन रोशनी प्रसाद मिश्र, स्थानीय प्रबंधन रजनीश जायसवाल और मंच प्रबंधन प्रजीत साकेत का रहा। आयोजन इन्द्रवती नाट्य समिति का है तथा विशेष सहयोग एक्सट्रीम आर्ट एण्ड एजुकेशनल सोसाइटी का है। अंत में रोशनी प्रसाद मिश्र ने अतिथियों व दर्शकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में शहर के कई गणमान्य नागरिक एवं सुधी दर्शक मौजूद रहे जिन्होंने नाटक का खूब लुत्फ़ उठाया।