कागजों में सिमट कर रह गई खाद्य औषधि विभाग की कार्यवाही,
मुख्यमंत्री के निर्देश पर दीपावाली के पूर्व लिए गए थे सैम्पल,
दो माह बाद भी नहीं लगा कार्यवाही का रतापता,
बीरबल समाचार सीधी। त्यौहारो में चलने वाली मिलावट खोरी को रोकने मुख्यमंत्री के निर्देश पर समूचे प्रदेश में अभियान चलाया गया था इसी अभियान के तहत सीधी जिले के भी कुछ प्रतिष्ठानों में जांच टीम द्वारा सैंपलिंग कर जांच के लिए भोपाल भेजा गया था लेकिन आज तक उक्त कार्यवाही का कोई रतापता नहीं चला है। इस संबंध में जानकारी लेने के लिए औषधि निरीक्षक से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनके द्वारा फोन नहीं रिसीव किया गया।
गौरतलब हो कि जिले के खाद्य औषधि विभाग द्वारा दीपावाली पर्व के पूर्व शहर सहित कस्बाई क्षेत्रों में संचालित होटलों एवं डेयरी दुकानों में छापामार कार्रवाई करते हुए सैंपल लिया गया था, और मीडिया को यह जानकारी दी गई थी कि यह सैम्पल भोपाल भेजा जाएगा, वहां से करीब 15 दिन बाद रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। मजे की बात यह है कि खाद्य औषधि विभाग द्वारा सैंपल जांच रिपोर्ट का अभी तक खुलासा नहीं किया और न ही किसी दुकान संचालक के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। जबकि सीधी जिले में शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में मिलावट खोरी का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा हैं।
प्रशासन की कार्यवाही पर उठ रहे सवाल,
राजस्थान मिष्ठान भंडार में आज तक जितनी बार भी स्थानीय प्रशासन द्वारा कार्यवाही की गई उसका खुलासा नहीं हो सका है। कारण कि जैसे ही प्रशासन की टीम छापा मारकर जाती हैं वैसे ही होटल संचालक का आदमी मोटी रकम लेकर मैनेज करने पहुंच जाता है और जांच टीम द्वारा की गई कार्यवाही रद्दी की टोकरी में फेंक दी जाती हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि शहर के जागरूक लोगों का कहना है, शहर वासियों ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि आज तक की कार्यवाही को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया। इसका मतलब यह है कि मिठाई के नाम पर मीठा जहर बेचने वाले कारोबारी से इनकी सांठगांठ है।