खाद की किल्लत, विपणन कार्यालय में किसानों की लग रही कतारें,

टोकन बटने के बाद भी नहीं कम हो रही भीड़,

 

 

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। शहर के पटेल पुल स्थित कृषि विपणन कार्यालय के गोदाम से खाद पाने के लिए किसानों की लंबी कतारें सुबह से शाम तक लग रही हैं। कतार में लगने वाले काफी किसानों को खाद न मिलने पर मायूश होकर लौटना पड़ता है। किसानों की भीड़ ज्यादा न लगे इसके लिए यहां टोकन बांटने की व्यवस्था बनाई गई है। एक दिन में 300 टोकन पर खाद देने का टारगेट निर्धारित किया गया है। कतार में लगने वाले किसानों का कहना है कि टोकन बांटने के बाद भी गोदाम प्रभारी की मनमानी बनी हुई है। जो किसान सुबह से कतार में लगते हैं उनका नंबर लगेगा या नहीं इसको लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। कुछ किसानों का कहना है कि वह कई दिनों से खाद पाने के लिए यहां चक्कर काट रहे हैं। फिर भी खाद नहीं मिल रही है। यहां ज्यादा नोक-झोक होने पर पुलिस की व्यवस्था भी बनाई जा रही है। बताते चलें कि जिले में बोनी का सीजन आते ही खाद पाने किसानों का भटकाव शुरू हो गया है। रबी सीजन में बोनी के लिए खाद की व्यवस्था में किसान भटकने को मजबूर हैं। स्थिति यह है कि समितियों एवं गोदाम के बाहर सुबह से ही किसानों की भीड़ उमड़ पड़ती है। भीड़ के चलते और भी ज्यादा अव्यवस्था देखने को मिल रही है। जिला मुख्यालय के समीपी गांवों के किसान शहर के पटेल पुल स्थित विपणन कार्यालय के गोदाम से खाद पाने के लिए करीब एक पखवाड़े से आ रहे हैं। यहां किसानों की भीड़ ज्यादा रहती है। इसी वजह से सभी को खाद मिलने को लेकर भी भारी समस्याएं उठानी पड़ रही हैं। स्थिति यह है कि पटेल पुल के पास डबल लॉक केंद्र में खाद के लिए किसान लाइन लगाने के साथ ही अपनी भारी परेशानी भी बता रहे हैं। गोदाम के कर्मचारियों द्वारा खाद का वितरण करने के बाद यह भी जानकारी दी जाती है कि अगले दिन खाद मिलेगी या नहीं। इसका मुख्य कारण यह है कि मांग के अनुसार खाद की आपूर्ति कम हो रही है। जो खाद एक-दो ट्रक पहुंचता है वह भीड़ के चलते एक ही दिन में खत्म हो जाती है।

 

 

 

 

भीड़ के चलते हो रही अव्यवस्था,

 

 

 

डबल लॉक के कर्मचारियों का कहना था कि किसान अनावश्यक रूप से भीड़ लगा रहे हैं। इसी वजह से यह समस्या बनी हुई है। खाद की आपूर्ति लगातार हो रही है और सभी किसानों को बिना किसी परेशानी के ही खाद मिल सकती है। यहां एक साथ भीड़ आने के कारण लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। यदि किसान अपनी जरूरत के अनुसार पहुंचें तो यह समस्या इतनी ज्यादा न बढ़े। सीधी जिले में यह व्यवस्था बनाई गई है कि खाद की आपूर्ति लगातार बाहर से बनी रहे। यह अवश्य है कि एक ही साथ किसानों की भीड़ हर जगह उमडऩे के कारण समस्या सुलझने की बजाय उलझ रही है। अभी बोनी के लिए अभी विलंब नहीं है इस वजह से किसान धैर्य बनाकर रखें और जरूरत पडऩे पर ही खाद लेने के लिए पहुंचें। अधिकांश किसान तो इसलिए भीड़ में आ रहे हैं कि कहीं बाद में खाद खत्म हो जाए और न मिले। जबकि ऐसी कोई स्थिति नहीं है। डबल लॉक से किसानों को खाद अनवरत रूप से मिलती रहेगी। यह जरूर है कि कम मात्रा में ट्रकों से खाद पहुंच रही है इस वजह से भीड़ के अनुसार यह कम पड़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो किसानों की इसी भीड़ के चलते समितियों में खाद की किल्लत और भी ज्यादा है। समितियों में भीड़ खाद पाने के लिए किसानों की भीड़ सुबह से उमड़ रही है। यह जरूर है कि समितियों में खाद की आपूर्ति अभी इतना ज्यादा नहीं है कि मांग के अनुसार पूरी हो जाए।

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