किसान मजदूर संयुक्त मोर्चा द्वारा कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन,
जो रोजी-रोटी दे ना सके वह सरकार निकम्मी है — तेज प्रताप,
बीरबल समाचार सीधी। हम भारत के श्रमिक व किसान आज बेहाल है। फिर चाहे वे खेतों में हाड़-तोड़ मेहनत कर जनता के पेट में अन्न पहुंचाने वाला किसान हो या फिर फैक्ट्री, दफ्तर, सड़क, बिल्डिंग, बस-ट्रक-आटो या फिर घर-घर मेहनत करने वाला मजदूर हो, देश के लिए संपदा पैदा करने वाली मेहनतकश जनता-किसान व मजदूर आज बेहाल है। न उत्पादित अनाज का उचित मूल्य मिल रहा है और न मेहनत की कीमत। इन सब के ऊपर दिनों-दिन बढ़ती महंगाई की मार ने आम जनता की कमर तोड़ रखी है। बीबीसी तीनों कृषि विरोधी काले कानूनों की वापसी के लिए, दिल्ली के बॉर्डर्स पर 13 महीने तक चलाए गए ऐतिहासिक किसान आंदोलन में सात सौ से ज्यादा किसान साथी शहीद हो गए। तीनों कृषि विरोधी काले कानून वापस हुए। ऐतिहासिक किसान आंदोलन की जीत हुई। उस समय किसानों से किए गए वायदे एमएसपी पर फसल खरीदी की गारंटी का कानून बनाने, आंदोलन के दौरान लगाए गए मुकद्दमें वापिस लेने सहित सभी वायदे आज भी पूरे नहीं हुए हैं। किसान कर्ज के बोझ तले दबे हुए है और उत्पाद का उचित मूल्य न मिलने से बेहाल है, जिसके कारण आत्महत्या करने को बाध्य हो रहे है। केंद्र की सरकार कॉर्पोरेट परस्त नीतियों को लागू करने पर आमादा है। तीसरी बार सत्ता में आते ही चार श्रम संहिताओं को लागू करने पर जोर डाला जा रहा है। 100 दिन की कार्ययोजना के नाम पर कॉर्पोरेट्स को मुनाफा पहुंचाने के लिए आदेश दिए जा रहे है। निश्चित अवधि के रोजगार, श्रम के अस्थायीकरण, स्थायी कामों का अंधाधुंध ठेकाकरण, स्थायी पदों की कटौती, सरकारी पदों को भरने में हो रही अक्षम्य कोताही, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, सरकारी विभागों का अंधाधुंध निजीकरण तथा राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के जरिए पिछले दरवाजे से निजीकरण के जरिए श्रमिकों के अधिकारों पर सीधा हमला हो रहा है। यह जानकारी सीटू यूनियन अल्ट्राटेक सीधी सीमेंट प्लांट के अध्यक्ष व सीटू के राज्य समिति सदस्य तेज प्रताप दुबे ने दी। श्री दुबे ने कहा कि जो सरकार रोजी-रोटी नहीं दे सकी उसे सरकार को बदलना है इसके तहत 26 नवंबर 2024 को सम्पूर्ण देश के मजदूरों और किसानों के साथ मध्यप्रदेश के श्रमिक व किसान विरोध कार्रवाई कर रहे है। आज सभी जिला मुख्यालयों में यह कार्यक्रम संयुक्त ट्रेड यूनियन के अगुवाई सीटू यूनियन के द्वारा किया जा रहा है। ज्ञापन सौंपने वालों में से सीमेंट कारखाने से अरविंद सिंह बघेल, विक्रम सिंह, रूद्र प्रसाद शुक्ला, लल्ला सिंह, संपत सोंधिया, परमानंद नागपुर, नीलम तिवारी, विनय त्रिपाठी, बापू नाथ योगी, कन्हैया लाल यादव, विपिन गौतम, आंगनबाड़ी संगठन से मंजू सिंह, सविता त्रिपाठी, शिवरात्रि द्विवेदी, सुनीता सिंह, अर्चना शर्मा सहित सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित रहे।