सहकारी बैंक कुसमी में मैनेजर की लापरवाही से बिगड़ी व्यवस्था, घर उठा ले गए बैंक का जनरेटर, आरोप निर्धारित समय पर कभी बैंक नहीं पहुंचते शाखा प्रबंधक,
बीरबल समाचार सीधी। जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र कुसमी में प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह बेलगाम है, गरीबों को इनकी लापारवाही के चलते समय पर योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कुछ इसी तरह का मामला जिला सहकारी बैंक शाखा कुसमी का प्रकाश में आया है जहां मैनेजर की लापरवाही एवं मनमानी चरम पर है। आरोप है कि कुसमी बैंक में जिन खाता धारकों से मैनेजर मोतीलाल रजक को कमीशन मिलता है उनको छुट्टी के दिन भी भुगतान मिल जाता है, इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बैंक की हालत क्या होगी। इतना ही नहीं बैंक में पूर्व से लगा जनरेटर शाखा प्रबंधक मोतीलाल रजक ब्रांच से रिपेयरिंग कराने के बहाने अपने घर ले गए और ब्रांच में कंडम हालत का जनरेटर लाकर रख दिया है। जनरेटर के आभाव में बैंक का ठप्प रहता हैं, उपभोक्ता सुबह से शाम तक शाखा में बैठते रहते हैं और कभी कभी ऐसा भी होता है कि बिजली नहीं आने पर उपभोक्ता दिनभर इंतजार के बाद वापस घर लौट जाते हैं और यह सिर्फ जनरेटर के आभाव में हो रहा है। शाखा कुसमी के उपभोक्ताओं ने इस पूरे मामले की जांच कराने बैंक के प्रशासक एवं कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी से कार्यवाही की मांग उठाई है।
समय से शाखा नहीं पहुंचते प्रबंधक,
सहकारी बैंक कुसमी के उपभोक्ताओं ने जानकारी देते हुए बताया कि मैनेजर मोतीलाल रजक सप्ताह में चार दिन शाखा आते हैं और उसमें भी वह कभी भी 12 बजे के पहले शाखा नहीं पहुंचते। आरोप है कि मैनेजर का घर सरई में है वह प्रतिदिन अपने गांव से आते जाते हैं और कभी भी समय से नही आते,जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा हैं। इसके अलावा उपभक्ताओं का यह भी आरोप है कि इस बैंक में लोगों से मुंहदेखी व्यवहार किया जाता है। जो पहुंच वाले लोग हैं वहीं कभी भी आकार अपना काम करवा लेते हैं और वही आम आदमी जो सुबह से आकर लाइन में खड़ा रहता हैं उसकी ओर ध्यान नहीं दिया जाता है। कुसमी नवीन के विक्रेता ने आरोप लगाते हुए बताया कि बैंक जानें पर दुर्व्यवहार किया जाता है और कोई जानकारी मांगी जाती हैं तो डांट कर भगा दिया जाता है।
समिति प्रबंधक ने लगाएं गंभीर आरोप,
कुसमी शाखा प्रबंधक मोतीलाल रजक द्वारा की जा रही मनमानी के संबंध में जब समिति प्रबंधक जीतेंद्र गुप्ता से चर्चा की गई तो उन्होंने उपभोक्ताओं के आरोपों की पुष्टि करते हुए स्वयं गंभीर आरोप लगाया है। जीतेंद्र गुप्ता ने कहा कि मेरे पास भी विक्रेताओं की शिकायत आई थी, जिसकी जानकारी मैने वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी है। अब रहीं बात रिश्वत और मनमानी की तो सत्य है, कारण कि वह मुझसे भी कई बार पैसे की मांग कर चुके हैं और नहीं दिए तो मेरे खिलाफ फर्जी शिकायत भी किए हैं। मुझे इस बात का भय नहीं है कारण कि सीईओ एवं डीआर दोनों को मेरे बारे में पता हैं। समिति प्रबन्धक ने एक और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मोतीलाल रजक द्वारा विक्रेताओं से भी पैसा वसूला जाता है और जिनके द्वारा पैसा नहीं दिया जाता उनकी शिकायत करवाई जाती हैं।