किसान भाईयों को शीत लहर के प्रकोप से फसलों के बचाव हेतु सलाह,

बीरबल समाचार सीधी।

 

 

 

 

 

 

 उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने जानकारी देकर बताया है कि भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी मौसमी दृष्टिकोण के अनुसार आगामी शीत लहर फरवरी 2024 तक जिला सहित प्रदेश के अधिकांश भागों में न्यूनतम तापमान की संभावना है। जिसके लिए किसान भाइयों को शीत लहर के प्रकोप से फसलों के बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सीधी द्वारा बताया गया है कि शीत लहर व ठण्ड, कोशिकाओं को भौतिक नुकसान पहुंचाती है, जिससे कीट का आक्रमण तथा रोग होने से फसलें बर्बाद हो सकती है। फसल के अंकुरण तथा प्रजनन के दौरान शीत लहर से काफी भौतिक विघटन होता है, इसके बढ़ने से फसलों के अंकुरण, वृद्धि, पुष्पन तथा पैदावार पर असर पड़ता है। इस संबंध में सुझाव दिये गये है कि बोर्डिऑक्स मिश्रण या काॅपरी ऑक्सी-क्लोराइड का छिड़काव कर शीत-घात के कारण रोग संक्रमण के बचाव करें। शीत लहर के बाद फास्फोरस और पोटेशियम उर्वरकों का उपयोग जड़ वृद्धि को सक्रिय करेगा और फसल को ठंड की घात से तेजी से उबरने में मदद करेगा। शीत लहर के दौरान प्रकाश और लगातार सहत सिंचाई प्रदान करें। पानी की सिंचाई से उत्पन्न विशिष्ट गर्मी पौधा को शीत-घात से बचाता है। स्प्रिंकलर सिचाई से पौधों में शीत-घात को कम करने में भी मदद मिलेगी क्योंकि पानी की बूंदों का संघनन आसपास में गर्मी छोड़ता है। पौधों के मुख्य तने के पास मिट्टी को काली व चमकीली प्लास्टिक शीट के साथ ढकें यह विकिरण अवशोषित कर मिट्टी को ठंडी में भी गर्म बनाए रखता है। प्लास्टिक उपलब्ध न होने की दशा में घाॅस-फूॅस सरकडे की घाॅस या जैविक वस्तुओं से मिट्टी को ढंककर फसलों को शीत घात से बचाया जा सकता है। बगीचे में धुॅआ करके भी फसलों को शीत-घात से बचाया जा सकता है। विभागीय जनजागृति एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों में कृषकों को शीत लहर (शीत-घात) से बचाब संबंधी जानकारी दी जाए।  उपरोक्तानुसार अधिक जानकारी के लिये आपके क्षेत्र के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं तकनीकी सलाह के लिए नजदीकी कृषि केन्द्र से संपर्क करें।

hi
error: Content is protected !!
×