बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम विषय पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कार्यशाला आयोजित,
बाल विवाह से मुक्त समाज ही आधुनिक है,
आओ रोकें बाल विवाह,
बीरबल समाचार सीधी।
बाल विवाह से बच्चे के जीवन कई तरह से विघटन होता है, परिवार और मित्रों अलगाव, समुदाय और साथियों से सीमित बातचीत, शिक्षा के अवसरों की कमी, बाल विवाह के परिणामस्वरूप बालिकाओं को अक्सर बंधुआ, श्रम, दासता, यौन शोषण, और हिंसा की स्थित का सामना करना पड़ता है। बाल वधुएं अक्सर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करती हैं। बाल विवाह के कारण बच्चों को स्कूल छोड़कर वैवाहिक दायित्वों का निर्वहन करना पड़ता है। जिला पंचायत सदस्य एवं अध्यक्ष महिला एवं बाल विकास समिति सीधी पूजा सिंह कुशराम द्वारा जिला पंचायत सभागार में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम विषय पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाल विवाह रोकने में शिक्षा और शिक्षक की अहम भूमिका है। उन्होंने समाज के सभी व्यक्तियों से अनुरोध है कि यदि जिलें में कहीं भी बाल विवाह के संबंध में सूचना प्राप्त हो तो उसे तुरंत रोकने का प्रयास करें और पुलिस अथवा बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को सूचित करें। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग आर सी त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि महिला सशक्तिकरण सप्ताह 10 जनवरी 2024 से 15 जनवरी 2024 तक पूरे जिले में कलेक्टर श्री साकेत मालवीय के निर्देशानुसार आयोजित किया जा रहा है। जिसके परिपेक्ष्य में दिनांक 11 जनवरी 2024 को जिला पंचायत सभागार में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम पर धर्मगुरूओं, विवाहगृह संचालकों, बैंड बाजा सेवाप्रदाताओं, प्रिटिंग प्रेस संचालकों आदि की कार्यशाला आयोजित की गई। श्री त्रिपाठी द्वारा कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार बालिका उम्र 18 वर्ष से और बालक की उम्र 21 वर्ष से कम विवाह के समय नही होना चाहिए। बाल विवाह समाज के लिए कलंक है और हम सबको मिलकर इसे मिटाना है। सीधी जिले को बाल विवाह मुक्त करना है। अधिनियम के अंतर्गत जिला स्तर पर कलेक्टर व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं तहसील स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं विकासखण्ड स्तर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी घोषित किया गया है। कार्यशाला को संबोधित करते हुए बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष मोनिका श्रीवास्तव ने कहा कि यदि किसी बालक या बालिका का बाल विवाह करने का प्रयास किया जाता है तो वह चाइल्ड हेल्पलाइन नं. 1098, पुलिस हेल्पलाइन डायल 100, महिला हेल्पलाइन 180 पर सूचना दे सकता है। जन अभियान परिषद के जिला समन्यवक शिवदत्त उमर्लिया ने कार्यशाला संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है। इसे शासन एवं कानून द्वारा ही नहीं रोका जा सकता, अपितु समाज की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण है। समाज की सहभागिता एवं जागरूकता से बाल विवाह जैसे कुरितियों पर सफलता पाई जा सकती है। परिवीक्षा अधिकारी महिला बाल विकास द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि यदि कोई व्यक्ति बाल विवाह का अनुष्ठान करता है, सम्मिलित होता है अथवा बाल विवाह आयोजित करने में किसी भी प्रकार का सहयोग करता है तो वह बाल विवाह कराये जाने हेतु अधिनियम की धारा 9, 10 एवं 11 के अधीन दो वर्ष तक के कठोर कारावास और एक लाख रूपये तक के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जा सकेगा। कार्यशाला में उपस्थित स्थानीय परिवाद समिति के सदस्य प्रमोद मिश्रा व धर्मगुरू भृगुनंदन पाण्डेय द्वारा विचार व्यक्त करते हुए कहा गया कि बाल विवाह रोकने का दायित्व समाज के प्रत्येक व्यक्ति का है, शासन से भी सहयोग प्राप्त करना चाहिए। बाल विकास परियोजना अधिकारी रतन सिंह द्वारा कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों से आग्रह किया गया कि धर्मगुरू एवं विवाह से संबंधित अन्य सेवाप्रदाता समाज में विवाह अनुष्ठान को आयोजित कराने में महत्वपूर्ण दायित्व निर्वहन करते हैं। इसलिए सभी को यह प्रयास करना चाहिए कि उनके द्वारा कोई भी बाल विवाह संपन्न न कराया जाए।कार्यक्रम का संचालन करते हुए सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास प्रवेश मिश्रा द्वारा सेवाप्रदाताओं से कहा गया कि विवाह में सेवा उपलब्ध कराने से यह सुनिश्चित कर लें कि जिस वर वधू का विवाह होने जा रहा है उनकी उम्र बालिका के संबंध में अठ्ठारह वर्ष से कम और बालक के संबंध इक्कीस वर्ष से कम न हो इस संबंध में दोनों पक्षों से वर-वधू की आयु की संबंध में दस्तावेज प्राप्त किया जा सकता है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की कार्यशाला में स्थानीय परिवाद समिति अध्यक्ष मीरा गौतम एवं सदस्य प्रमोद मिश्रा, खुशबू वर्मा, विशेष किशोर पुलिस इकाई के सदस्य, सामाजिक कार्यकर्ता, धर्मगुरू एवं सेवाप्रदाता उपस्थित हुए।