विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर कार्यशाला का आयोजन,

बाल श्रम की रोकथाम के लिए की गई चर्चा,

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी: विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 12 जून के अवसर पर श्रमायुक्त मध्यप्रदेश शासन इंदौर के निर्देशानुसार जिले में बाल श्रम विषय पर कार्यशाला सह बैठक जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, सदस्यगण तथा जिला टास्क फोर्स समिति के पदाधिकारी एवं सदस्यों की उपस्थिति में आयोजन किया गया। जिला बाल कल्याण समिति (न्यायिक खण्डपीठ) सीधी के सदस्य श्री सचिन्द्र कुमार मिश्रा ने चर्चा में बताया कि जितने बाल एवं किशोर श्रमिक संस्थानों में नियोजित नहीं रहते उससे ज्यादा कबाड़ बीनना तथा आरती घुमाना तथा गाड़ियों के साफ-सफाई का कार्य करने में संलग्न रहते हैं। एक विशेष टीम द्वारा ऐसे बच्चों के माता-पिता के साथ चर्चा की जावे, और नियम अधिनियम की जानकारी देते हुए उन्हें अपने बच्चों से ऐसा कार्य न कराये जाने का बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर काउन्सिलिंग के पश्चात उन्हें जानकारी दी जावे। चर्चा के दौरान उपस्थित सचिव सहायक श्रम पदाधिकारी सुश्री आकांक्षा पाठक द्वारा सदस्य द्वारा किए गये चर्चा तथा दिए गये मार्गदर्शन से सहमत होते हुए सी.डब्ल्यू.सी. एवं बाल श्रम अधिनियम के अंतर्गत जिले में गठित टास्क फोर्स समिति के सदस्यों के साथ संयुक्त अभियान चलाये जाने की बात बताई गयी।  जिला विधिक अधिकारी श्री मनीष कौशिक द्वारा अपना विचार व्यक्त किया गया कि ऐसे कार्य एवं बाल श्रम नियोजन की सम्भावना वाले संस्थानों में जांच के लिए अलग-अलग रेस्क्यू जांच टीम बनायी जाकर संभावित संस्थानों में प्रचार-प्रसार की सूचना पहुंचाई जाकर बाल श्रम न नियोजित किए जाने के समझाईस दी जावे तथा उनके द्वारा बताया गया कि, जिले में एक ऐसा कोई दूरभाष नम्बर प्रचारित कराया जावे कि जिसमें जिले के कोई भी आम नागरिक समाजसेवी, अधिवक्ता, स्वयंसेवी संस्थानों के पदाधिकारी एवं जिले में कार्यरत श्रमिक संगठन द्वारा बाल श्रम नियोजन की सूचना जिलास्तरीय टास्क फोर्स समिति एवं जिला दण्डाधिकारी/श्रमपदाधिकारी/जिला नोडल अधिकारी बाल श्रम तक सूचना प्राप्त हो और बाल श्रम रोकें जाने के संबंधी वैधानिक अधिनियम के प्रावधान अनुसार बाल श्रम नियोजित करने वाले संस्थानों के विरूद्ध कार्यवाही हो सके। जिला बाल संरक्षण अधिकारी महिला बाल विकास विभाग सीधी श्री अनुराग पाण्डेय द्वारा बताया गया कि बाल श्रम रोके जाने के संबंध में महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि जिले में स्थापित जिले में अशासकीय/शासकीय विद्यालय जहां पर बच्चे बाल एवं किशोर उम्र के बच्चे लगातार यदि विद्यालय से एक माह की अवधि से अनुपस्थित हैं तो विद्यालय के शिक्षकों को यह दायित्व है कि अनुपस्थित बच्चों की निगरानी करें कि कहीं वह विद्यालय से अनुपस्थित रहकर बाल श्रम के कार्यो में नियोजित तो नहीं हैं। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सीधी के उपस्थित प्रतिनिधि अमरनाथ चतुर्वेदी द्वारा कहा गया कि इस संबंध में जिले के समस्त विद्यालय को पत्र जारी किया जावेगा। सचिव एवं सहायक श्रमपदाधिकारी सुश्री आकांक्षा पाठक द्वारा कार्यशाला में उपस्थित सभी सदस्य/पदाधिकारियों के विचार सुझाव के पश्चात आग्रह किया गया कि अभी दो-चार दिन में जैसे ही हीट वेव (अत्यधिक गर्मी) का प्रकोप कम होता है, तो जिला स्तर पर गठित जिला टास्क फोर्स समिति तथा उचित हो तो जिला बाल कल्याण समिति (सी.डब्ल्यू.सी.) के पदाधिकारी भी संयुक्त रूप से गठित जांच/रेस्क्यूदल तैयार कर जिले में बाल श्रम नियोजित होने वाले संभावित होने वाले संस्थानों में औचक निरीक्षण कर बाल श्रमिकों का पुनर्वास बाल कल्याण समिति के सदस्यों द्वारा दिए गये निर्देशानुसार कार्यवाही की जावेगी।

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