अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह रोकने निर्देश जारी,
उड़नदस्ता दल द्वारा रखी जायेगी कड़ी निगरानी,
बीरबल समाचार सीधी। कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने जिले में बाल विवाह रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान आरंभ किया गया है। बाल विवाह मुक्त अभियान बाल विवाह समाप्त करने और देश भर में युवा लड़कियों के सशक्तिकरण हेतु सरकार का प्रयास है। प्रदेश में प्रति वर्ष कुछ विशेष तिथियों में बड़ी संख्या में सामूहिक विवाह होते हैं। इन तिथियों में एक अक्षय तृतीया अथवा आखातीज भी है, जो इस वर्ष 30 अप्रैल 2025 को है। इस अवसर पर सामूहिक विवाह सम्पन्न होते है, जिसमें बाल विवाह होने की संभावना होती है। ग्रामीण अंचलों में इन अवसरों के अलावा भी बाल विवाह हो सकते हैं। कलेक्टर ने बाल विवाह की रोकथाम हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा परियोजना अधिकारी बाल विकास परियोजना को बाल विवाह पर सतत निगरानी रखने तथा रोकने हेतु प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि सभी तरह की हेल्पलाईन 181,1098,100 एवं जिले के वन स्टॉप सेंटर का प्रचार करें। बाल विवाह रोकथाम प्रत्येक ग्राम/वार्ड में बाल विवाह की सूचना प्राप्त करने सूचना दल का गठन किया जावेगा। सूचना दल में शिक्षक, ए.एन.एम. आशा कार्यकर्ता, स्व-सहायता समूह की सदस्य, शौर्यादल की अध्यक्ष/समन्वयक/सदस्य/आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मातृ सहयोगिनी समिति, सरपंच, पंच, ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम/वार्ड के सक्रिय नागरिक आदि हो सकते हैं। सूचना दल ग्राम/वार्ड में हो रहे विवाहों की जानकारी रखेंगे तथा बाल विवाह होने पर कंट्रोल रूम/बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, अनुविभागीय अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को तत्काल सूचित करेंगे। जिला एवं ब्लॉक स्तर पर विशेष विवाह मुहूर्तों के पूर्व कन्ट्रोल रूम घंटे स्थापित किया जावे। जिला एवं ब्लॉक स्तर पर एक कन्ट्रोल रूम बनाया जा कर दूरभाष क्रमांक 07822251144 सूचना दी जाये। कंट्रोल रूम में बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल संबंधित क्षेत्र के बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को सूचित करेंगे।
उड़नदस्ता का गठन,
प्रत्येक अनुविभाग मेें बाल विवाह रोकने हेतु प्रत्येक थाना क्षे़त्र में उड़नदस्ता दल का गठन किया गया है जिसमें संबंधित तहसीलदार/नायब तहसीलदार/परियोजना अधिकारी/ पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास संबंधित क्षेत्र थाना प्रभारी/चौकी प्रभारी रहेंगे। उड़नदस्ता दलों को बाल विवाह की सूचना मिलने पर तत्काल विवाह स्थल पर जा कर बाल विवाह की पुष्टि कर रोकने की कार्यवाही करना है। अनुविभाग क्षेत्र मे बाल विवाह की सूचना मिलने पर संयुक्त बाल विवाह प्रतिषेध दस्ता भेजने का उत्तरदायित्व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व/ अनुविभागीय अधिकारी पुलिस एवं संबंधित परियोजना अधिकारी का होगा। ग्रामीण क्षेत्र में सरपंच एवं नगरीय क्षेत्र में अध्यक्ष/वार्ड पार्षद नगरीय निकाय भी बाल विवाह रोकने की कार्यवाही में उड़नदस्ता दलों को आवश्यक सहयोग करेंगे। उड़न दस्ता अपने क्षेत्र में हो रहे सामूहिक विवाह, विवाह स्थलों का भ्रमण करेंगे तथा सुनिश्चित करेंगे कि कोई बाल विवाह तो सम्पन्न नहीं किया जा रहा है। भ्रमण के दौरान बाल विवाह की सूचना अथवा बाल विवाह होता पाया जाने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।