न्यूनतम वेतन के एरियर्स भुगतान को लेकर सौंपा ज्ञापन,

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। पिछले न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण की प्रक्रिया व परिणाम को देखने से स्पष्ट है कि उसमें प्रदेश के श्रमिकों के वैधानिक अधिकार पर कुठाराघात हुआ है। आपको भी विदित है कि न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत पांच वर्ष में न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण के प्रावधान का पालन मध्यप्रदेश सरकार ने नहीं किया यह यह कि नवंबर 2019 से यह पुनरीक्षण किया गया लेकिन इसके हितलाभ 01 अप्रैल 2024 से दिए गए इससे श्रमिकों को भारी क्षति पहुंचाई गई। इसी के साथ यह भी सर्वविदित है कि 01 अप्रैल 2024 से प्रभावशील इन पुनरीक्षित दरों को कानूनी लड़ाई में उलझा दिया गया, जिसका निराकरण माननीय म प्र उच्च न्यायालय के इंदौर खंडपीठ में 10 फरवरी 2025 की अंतिम सुनवाई के बाद 21 फरवरी को घोषित निर्णय के जरिए हुआ । ट्रमायुक्त मध्य प्रदेश शासन से 28 फरवरी 2025 को जारी परिपत्र से समूचे मध्यप्रदेश में 01 अप्रैल 2024 से पुनरीक्षित वेतन प्रभावशील हो गया। यह स्पष्ट है कि मार्च 2025 का वेतन, जिसका भुगतान अप्रैल 2025 में हुआ, बढ़ी दरों के साथ होने के साथ 01 अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक एरियर्स का भुगतान होना था। लेकिन आज दिनांक तक बड़े हुए एरियाज का भुगतान नहीं किया गया यह जानकारी सीमेंट मजदूर एकता यूनियन सीटू अल्ट्राटेक सीमेंट के अध्यक्ष तेज प्रताप दुबे ने दिया।

श्री दुबे ने आगे कहा है कि मध्य प्रदेश के बड़े हिस्से में बढ़ी हुई दरों से वेतन भुगतान तो हुआ है लेकिन एरियर्स का भुगतान नहीं हुआ। स्पष्ट है कि न्यूनतम वेतन कानून के दायरे में आने वाले लाखों श्रमिक, ठेका, आउटसोर्सिंग कर्मियों को वैधानिक रूप से देय राशि को हड़पा जा रहा है । यहां यह भी उल्लेख करना जरूरी है कि जहाँ जहाँ श्रमिक, ठेका, श्रमिक, आउटसोर्सिंग कर्मी बढ़ी हुई दरों से एरियर्स के भुगतान की मांग अपने-अपने नियोजकों से कर रहे हैं, वहां उन्हें न सिर्फ प्रताड़ित किया जा रहा है, बल्कि कई जगह तो उन्हें नौकरी से भी निकाला जा रहा है। ऐसी स्थिति में न सिर्फ श्रम आयुक्त मध्य प्रदेश शासन का प्रभावी हस्तक्षेप की जरूरत है, बल्कि एरियर्स के भुगतान हेतु प्रभावी कदम उठाने की भी जरूरत है । ज्ञापन सौंप कर मांग किया है कि 01 अप्रैल 2024 से बढ़ी दरों से वेतन के एरियर्स के भुगतान हेतु श्रम विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया जाए। इस संबंध में श्रम विभाग की ओर से कोई हेल्प लाइन नंबर जारी किया जाए जहां एरियर्स के भुगतान न होने की स्थिति में शिकायत दर्ज हो सके। इस हेतु श्रम विभाग के मैदानी अमले के लिए एक विशेष परिपत्र भी जारी किया जाए, जिसकी प्रति सभी केंद्रीय श्रमिक संगठनों को भी दी जाए। तीन नए नियोजन जनवरी 2025 में बने हैं । यह न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण नवंबर 2019 के आधार पर पांच वर्ष के लिए (अक्टूबर 2024 तक) हुआ। इस अवधि में टेक्स्टाइल संबंधी नियोजन पुराने अधिसूचित नियोजनों में शामिल थे । इसलिए इन नियोजनों में भी बढ़ी दरों के एरियर्स सहित विधिसम्मत भुगतान हेतु श्रम विभाग समुचित कदम उठाए। चूंकि यह न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण नवंबर 2019 से देय था अतः नवम्बर 2019 से मार्च 2024 तक के एरियर्स के भुगतान के लिए भी समुचित प्रक्रिया चलाई जाए। चूँकि अक्टूबर 2024 में पूर्व के पुनरीक्षण के पांच वर्ष पूर्ण हो गए, इसलिए नए पुनरीक्षण की प्रक्रिया तुरंत प्रारंभ की जाए। इस पुनरीक्षण हेतु यह भी स्पष्ट निर्णय किया जावे की जब भी पुनरीक्षण प्रक्रिया सम्पन्न हो, लेकिन भुगतान उसी दिनांक से हो, जिस दिनांक को पुनरीक्षण की अवधि (यानी पूर्व के पुनरीक्षण के पांच वर्ष पूर्ण हो) प्रारंभ हो जाती है। ज्ञापन सौंपने वालों में अरविंद सिंह बघेल कार्यवाहक अध्यक्ष, विभूतिभूषण शर्मा सहायक महासचिव, संजीव कुमार मिश्रा, दीप नारायण तिवारी एवं कमलेश शुक्ला आदि लोग शामिल रहे।

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