दुष्कर्म के आरोपी मामा को आजीवन कारावास की सजा
बीरबल समाचार सीधी। जिले के जमोड़ी थाना के एक गांव में बहन के घर आये व्यक्ति ने भांजी के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी मामा को न्यायालय ने आरोप प्रमाणित होने पर आजीवन कारावास की सजा एक्कीस हजार रुपए के अर्थ दण्ड से दण्डित करने का फैसला सुनाया है। जिला अभियोजन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार दिनांक 23.07.2023 के रात समय करीबन 10:00 बजे अभियोक्त्री खाना पीना खाकर बिस्तर लगा रही थी। उसी समय उसकी बड़ी मम्मी का भाई आरोपी उसके घर आया एवं रात उसी के घर में रूका। भोर के समय करीबन 3-4 बजे के बीच में अभियोक्त्री का मामा आरोपी उसके उपर आकर चढ़ गया एवं उसके स्तन दबाने लगा जब अभियोक्त्री ने आरोपी का हाथ झिटक दिया तो आरोपी ने उसका मुंह दबा दिया एवं उसके कान में धीरे से बोला कि अगर किसी को बतायेगी तो वह उसके माता पिता को जान से खत्म कर देगा और यदि नहीं बतायेगी तो 500 रूपये देगा तो अभियोक्त्री डर गई और हल्ला नहीं की फिर आरोपी ने अभियोक्त्री के साथ गलत काम (बलात्कार) किया एवं चुपचाप जूता पहनकर घर से बाहर चला गया। उस समय अभियोक्त्री के माता पिता सभी लोग उसी कमरे में सो रहे थें। अभियोक्त्री डर के कारण सो गई थी। सुबह अभियोक्त्री की मां को छोटी लड़की के बताने पर यह जानकारी हुई कि आरोपी अभियोक्त्री के उपर चढ़ा था तब उनके द्वारा अभियोक्त्री से पूछने पर उसने रो-रो कर सारी बात अपनी मां को बतायी। अभियोक्त्री की मां के रो-रो कर चिल्लाने पर आरोपी घर से निकलकर अभियोक्त्री की बड़ी मां के यहां भाग गया। फिर अभियोक्त्री अपने मम्मी-पापा के साथ थाने रिपोर्ट करने आयी। अभियोक्त्री की उक्त रिपोर्ट पर थाना जमोड़ी में प्रथम सूचना रिपोर्ट अपराध कमांक 604/2023 अंतर्गत धारा 376(3), 376(2)(च) भा.दं.सं. एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 5(n)/ 6 पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। प्रकरण की संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिसके न्यायालयीन विशेष सत्र प्र.क्र. 35/2023 में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा के द्वारा अभियुक्त को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया। परिणामस्वरूप माननीय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सीधी की न्यायालय के द्वारा अभियुक्त को धारा 506 भाग-दो भादवि में एक वर्ष का कठोर कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड व धारा 5(एन)/6 पॉक्सो एक्ट के अपराध में आजीवन कारावास, जिसका अभिप्राय आरोपी के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिये कारावास होगा एवं 20,000/-रूपए के अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया गया। साथ ही अर्थदण्ड की संपूर्ण राशि 21,000/- रूपये अभियोक्त्री को प्रतिकर के रूप में अपील अवधि उपरांत अपील न होने की दशा में प्रतिकर स्वरूप प्रदान किये जाने का आदेश पारित किया गया। इसके अतिरिक्त रू. 50,000/- प्रतिकर के रूप में अदा किये जाने के परिप्रेक्ष्य में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला सीधी म.प्र. को पत्र सहित निर्णय की प्रति प्रेषित की गई।