विश्व हिन्दू परिषद ने सौंपा राष्ट्रपति नाम ज्ञापन
जिला मंत्री अनिल मिश्रा ने किया ज्ञापन वाचन,
बीरबल समाचार सीधी। वक्फ कानून के विरोध की आड़ में संपूर्ण बंगाल को जिस प्रकार हिंसा की आग में जलाया जा रहा है, हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों को निर्बाध रूप से अपने षडयंत्रों को क्रियान्वित करने की खुली छूट दी जा रही है, उससे स्पष्ट लगता है कि बंगाल की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है। मुर्शिदाबाद से प्रारम्भ हुई यह भीषण हिंसा अब संपूर्ण बंगाल में फैलती हुई दिखाई दे रही है। शासकीय तंत्र दंगाइयों के सामने केवल निष्क्रिय ही नहीं अपितु कई स्थानों पर इनका सहायक या प्रेरक बन गया है। इससे पहले कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए, केंद्र सरकार को प्रशासन का नियंत्रण व संचालन अपने हाथ में लेकर राष्ट्र विरोधी व हिंदू विरोधी तत्वों को उनके कुकर्मों के लिए कठोरता सजा दिलवानी चाहिए। मुस्लिम भीड़ द्वारा 11 अप्रैल, 2015 को वक्फ कानून के विरोध के नाम पर किया गया हिंसक प्रदर्शन कानून बनाने वाली सरकार के विरोध में नहीं अपितु हिंदुओं पर हिंसक आक्रमण के रूप में था जबकि हिंदू समाज का इस कानून के निर्माण में कोई भूमिका नहीं थी और यह एक शुद्ध संवैधानिक प्रक्रिया थी । इसका स्पष्ट अर्थ है कि वक्फ तो केवल बहाना था, असली उद्देश्य मुर्शिदाबाद को हिंदू शून्य बनाना था। इस उन्मादी जिहादी भीड़ ने हिंदुओं के 200 से अधिक घरों और व्यावसायिक दुकानों को लूटकर जलाया, सैकड़ो हिंदुओं को बुरी तरह घायल किया व तीन नागरिकों की निर्मम हत्या की गई। दर्जनों महिलाओं के शीलभंग भी किए गए। परिणाम स्वरूप 500 से अधिक हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद से पलायन करना पड़ा । उनके पास जाकर उनकी चिंता एवं सहायता करने की अपेक्षा ममता बनर्जी दंगा भड़काने वाले इमामो से मिल रही है जिनमें से एक इमाम ने एक दिन पहले ही धमकी दी थी कि अगर ममता बनर्जी ने उनका साथ नहीं दिया तो वह उसकी औकात बता देंगे। अब ये सारे तथ्य सामने आने पर यह समाचार मिल रहा है कि ममता बनर्जी अब शरणार्थियों को सुविधा देने की जगह उनको वापस जेहादियों के सामने जबरन परोसने का षड्यंत्र कर रही है। आज की बंगाल की स्थिति से यह स्पष्ट है कि ममता सरकार भारत के संघीय ढांचे को बंगाल में ध्वस्त कर अपनी सरकार और वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है।बंगाल में राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में आ चुकी है ।बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों को निर्बाध रूप से आने दिया जा रहा है। उनके आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। पाकिस्तानी तथा बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की सक्रियता बढ़ती जा रही है। हिंदुओं के प्रति हिंसा बढ़ती जा रही है और न्यायालय के आदेश पर ही हिंदू त्योहारों को अनुमति मिल पाती है । उनको सुरक्षा देने वाले अर्धसैनिक बलों को निशाना बनाया जाता है। हिंदू का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है। कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से नष्ट हो चुकी है।तृणमूल के असामाजिक तत्व व जिहादी गुंडो के नियंत्रण व निर्देश पर ही प्रशासन काम करने के लिए विवश है। आज यह हिंसा मुर्शिदाबाद से निकलकर संपूर्ण बंगाल में फैलती जा रही है। अब यह बंगाल तक भी सीमित नहीं रहेगी। इसलिए देश की जनता मांग करती है कि बंगाल में अविलंब राष्ट्रपति शासन लगाया जाए, बंगाल की हिंसा की जांच एनआईए के द्वारा करवाई जाए और दोषियों को अविलंब दंडित किया जाए, बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथों में दिया जाए। बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको निष्कासित किया जाए। बंगाल व बांग्लादेश की 450 किलोमीटर की सीमा पर तार लगाने का काम अविलंब प्रारंभ किया जाए जिसे ममता बनर्जी ने रोका हुआ था। हमें विश्वास है की राष्ट्र की सर्वभौंमिक्ता और साम्प्रदायिक सदभाव बनाये रखने के लिए आप अविलम्ब और त्वरित कार्यवाही करेंगी। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष गणेश सिंह, उपाध्यक्ष श्रीमती अजिता द्विवेदी, विभाग संयोजक शैलेन्द्र सिंह, जिला कोषाध्यक्ष भास्कर सिंह, सह कोषाध्यक्ष राजकुमार पांडेय, विवेक चौरसिया जिला सह मंत्री, जिला मातृशक्ति संयोजिका प्रियंका मिश्रा, दुर्गा वाहिनी संयोजिका अन्नू सिंह,पंकज द्विवेदी जिला सत्संग प्रमुख, विनायक गुप्ता सह सत्संग प्रमुख, विशेष संपर्क प्रमुख अजीत सिंह, राजेन्द्र शर्मा सामाजिक समरसता प्रमुख, अशोक तिवारी सेवा प्रमुख,अशोक गुप्ता सुरक्षा प्रमुख, माखन मिश्रा जिला बालोपासना प्रमुख, प्रखण्ड सेमरिया अध्यक्ष पुष्पराज मिश्र, नगर अध्यक्ष राजेन्द्र सोनी, नगर उपाध्यक्ष श्रीराम सिंह, अनूप द्विवेदी,नगर उपाध्यक्ष विनोद शर्मा, नगर मंत्री मुकेश नामदेव, दिनेश गुप्ता नगर सत्संग प्रमुख, राज राखन गुप्ता मंदिर अर्चक पुरोहित, अमन श्रीवास्तव नगर मिलन प्रमुख, नरेन्द्र सिंह, शुभम श्रीवास्तव, उक्त जानकारी धीरेश मिश्र प्रचार प्रसार प्रमुख ने दी।