एक लाख से अधिक परिवार नल जल योजना से वंचित, अब तक 87 हजार परिवारों को पेयजल पहुंचाने का दावा, कछुआ गति से चल रहा जल जीवन मिशन का कार्य,
बीरबल समाचार सीधी। जल जीवन मिशन योजना जिले में अधर में लटकी है। इस योजना की शुरुआत मार्च 2024 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा था। जिले में अभी तक 1 लाख 91 हजार 895 परिवारों में से महज 87 हजार 773 परिवारों तक ही नल जल योजना के माध्यम से पानी पहुंच पाया है। यानि जल जीवन मिशन के तहत जिले में करीब 45.74 परिवार ही लाभांवित हो पाए हैं। अभी भी 1 लाख 4 हजार 122 परिवार नल जल योजना से पेयजल का इंतजार कर रहे हैं। जल निगम के तहत जिले में 86 हजार 893 परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बता दें कि जल जीवन मिशन के तहत जिले के ज्यादातर परिवारों तक जल निगम की बाण सागर परियोजना के तहत पेयजल पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन जल निगम के तहत वाटर हेड निर्माण एवं पाइप लाइन विस्तार का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है। वहीं घटिया निर्माण कार्य की भी शिकायतें आती रहती हैं। हाल ही में सांसद डॉ.राजेश मिश्रा द्वारा जल निगम के गुणवत्ता विहीन कार्यों का मुद्दा लोकसभा में उठाया जा चुका है। करीब एक माह पानी हुआ नसीब जिला मुख्यालय के समीपी ग्राम विजयपुर में ही ग्रामीणों के घरों के सामने नल की टोंटियां लगी हैं, लेकिन उनमें साल भर से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पानी नहीं आ रहा है। केवल ट्रायल के समय करीब एक माह पानी नसीब हुआ था। इसी तरह जिले के आदिवासी अंचल भुईमाड़ में करोड़ों की लागत से वाटर हेड का निर्माण कर गांव में पाइप लाइन का विस्तार करते हुए ग्रामीणों को नल कनेक्शन प्रदान कर दिया गया है, लेकिन ग्रामीणों को नलों के माध्यम से पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। कागजी खानापूर्ति में जुटा विभाग जिन ग्रामों में वाटर हेड का निर्माण एवं पाइप लाइन का विस्तार कर ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन देते हुए पेयजल पहुंचाने का दावा किया जा रहा है, ऐसे ज्यादातर परिवारों को नल के माध्यम से पानी नहीं मिल पा रहा है।
इस तरह है प्रगति की स्थिति,
जल जीवन मिशन विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जिले के रामपुर नैकिन विकासखंड 48.89 प्रतिशत लोगों को पानी देने का दावा किया जा रहा है इसी तरह सीधी विकासखंड में 30.41 प्रतिशत परिवार के लोगों को पानी मिल रहा है तथा सिहावल विकासखण्ड में 55.28 प्रतिशत परिवार को अब तक पानी मिल सका है वहीं मझौली विकासखण्ड की बात करें तो अभी तक 60.74 परिवार को पानी दिया जा रहा है, जबकि कुसमी विकासखण्ड में 35.53 प्रतिशत लोगों को इस योजना जोड़ा गया है। योजना में सबसे खराब स्थिति सीधी विकासखंड की बताई जा रही हैं वहीं खराब स्थिति में दूसरे नंबर पर कुसमी विकासखण्ड शामिल हैं।