शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय मझौली में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन,
मातृभाषा संस्कृति और विरासत का दर्पण है-डॉ गीता भारती,
बीरबल समाचार सीधी। शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय मझौली में मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशन में ‘‘भारतीय भाषाएं एवं भारतीय ज्ञान परंपरा‘‘ विषय पर एकदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधता का संरक्षण करना एवं बहुभाषिता को प्रोत्साहित करना है। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर की गई। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ गीता भारती ने अपने उद्बोधन में कहा कि मातृभाषा हमारी परंपरा, पहचान एवं सांस्कृतिक धरोहर का मूल आधार है। इसके बगैर किसी भी देश की संस्कृति की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। प्रो बी एल सिंह अयाम ने बताया कि मातृभाषा हमारे व्यक्तित्व को गढ़ने एवं रचने का कार्य करती है। डॉ सुरेश कुमार तिवारी ने कहा मातृभाषा हमें राष्ट्रीयता से जोड़ती है। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक, अतिथि विद्वान एवं छात्र-छात्राओं ने अधिक से अधिक संख्या में सहभागिता कर कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ पूजा कश्यप प्रभारी भारतीय ज्ञान परंपरा के द्वारा किया गया।