भितरी पंचायत में श्रमिकों को नहीं मिल रहा रोजगार जेसीबी मशीन से कराया जा रहा मनरेगा का कार्य,

बीरबल समाचार सीधी। जिले के जनपद पंचायत सिहावल के अंतर्गत ग्राम पंचायत भितरी में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आ रही हैं। पंचायत में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत हो रहे कार्यों में भारी गड़बड़ियां देखने को मिली हैं। नियमों के अनुसार मनरेगा के अंतर्गत कार्य मजदूरों के माध्यम से कराया जाना चाहिए, लेकिन यहां पर नियमों को ताक पर रखकर जेसीबी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है।ग्रामीणों का आरोप है कि नाली निर्माण कार्य के दौरान प्रधानमंत्री सड़क को भी क्षति पहुंचाई जा रही है, जिससे आने-जाने में लोगों को परेशानी हो रही है। सड़क किनारे खुदाई से गड्ढे बन गए हैं और निर्माण कार्य अव्यवस्थित रूप से किया जा रहा है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी हुई है।
20 लाख के कार्य में गड़बड़झाला,
भितरी पंचायत में करीब 20 लाख रुपये की लागत से विभिन्न विकास कार्य कराए जा रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि इन कार्यों में पारदर्शिता नहीं रखी जा रही है। सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि ये सिर्फ कागजों पर काम दिखाकर सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं, जबकि जमीनी स्तर पर कोई भी कार्य संतोषजनक ढंग से पूरा नहीं किया गया है।
अधूरी पड़ी गौशाला, भटक रहे मवेशी,
सरकार की गौशाला निर्माण योजना के तहत भितरी में गौशाला का निर्माण तो कराया गया है, लेकिन अब तक वहां कोई भी मवेशी नहीं रखे गए। गौशाला अधूरी पड़ी हुई है और इसका उपयोग सिर्फ बजट निकालने के लिए किया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पंचायत के अधिकारी और इंजीनियर मिलकर योजनाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं और सही मूल्यांकन नहीं किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने उठाई जांच मांग,
गांव के जागरूक नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि ग्राम पंचायत भितरी में हो रहे कार्यों की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी पाए जाने वाले सरपंच, सचिव, इंजीनियर और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। यदि जल्द ही इन अनियमितताओं पर रोक नहीं लगाई गई तो ग्रामीण आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।