फिर मौसम ने बदली करवट, दिन भर छाए रहे बादल,
दोपहर बाद शुरू हुई रिमझिम बारिश से बढ़ी गलन
हल्की बारिश से फसलों को होगा अमृतमयी लाभ,
बीरबल समाचार सीधी। रविवार सुबह से आकाश में उमड़ रहे घने बादलों के चलते ठंडक और गलन फिर से बढऩे के आसार निर्मित हो गए हैं। दोपहर बाद से हल्की बारिश का दौर जिले में शुरू हो गया। बारिश अगर अच्छी हुई तो रबी सीजन की फसलों को काफी फायदा पहुंचेगा। यह अवश्य है कि किसान तेज बारिश होने पर कुछ फसलों के लिए नुकसान भी मान रहे हैं। वैसे वर्तमान में सभी फसलों को हल्की बारिश की जरूरत है जिसके बाद फसलों को फिर से नया जीवन मिल सके। खासतौर से गेहूं के फसल के लिए बारिश काफी लाभदायक सावित होगी। बारिश होने पर खेती-किसानी के लिए तो लाभ पहुंचेगा लेकिन कड़ाके की ठंड का असर फिर से शुरू हो जाने पर लोगों को फिर से फजीहतें होनी शुरू हो जाएंगी। बताते चले कि नव वर्ष के आगाज के साथ ही गलन भरी ठंड का प्रकोप शुरू हुआ था जिसके बाद से लोग ठिठुरन भरी गलन के चलते काफी परेशान हैं। यह अवश्य है कि विगत चार दिनों से दिन में तेज धूप खिलने के कारण लोगों को काफी राहत मिली और ठंडक का असर भी धीरे-धीरे कम हो गया। ठंडक घट जाने के बाद लोगों को यह उम्मीदें थी कि यदि आगे बारिश होगी तभी ठंडक का असर बढ़ेगा। आज सुबह से आकाश में घने बादलों के उमडऩे से यह कयास लग रहे हैं कि बारिश हो सकती है। इसी वजह से किसान यह इंतजार कर रहे हैं कि यदि बारिश हो जाए तो उन्हे खेतों में पानी लगाने की परेशानियों से निजात मिल जाएगी। काफी संख्या में किसान अपनी फसलों को जरूरत के अनुसार नहर एवं ट्यूबवेल के माध्यम से पानी दे रहे हैं जिससे फसलों की पैदावार प्रभावित न हो। वहीं जानकारों का कहना है कि इस समय होने वाली बारिश फसलों के लिए काफी अमृतमयी मानी जाती है। यह अवश्य है कि हल्की बारिश ही हो। तेेज बाारिश होने के बाद कुछ फसलों के लिए आगे चलकर नुकसान भी हो सकता है। वर्तमान में जो मौसम बना हुआ है वह फसलों के लिए पूरी तरह से अनुकूल है। सभी फसलों की पैदावार के लिए इसी तरह के मौसम की जरूरत है। यह अवश्य है कि बीच में हल्की बारिश होने के बाद किसानों को फसलों की सिंचाई करने से भी मुक्ति मिल जाएगी। जिन क्षेत्रों में किसानों के पास सिंचाई की सुविधा नहीं है वह काफी बेेसब्री के साथ इंतजार कर रहे हैं कि बारिश हो।
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मकर संक्रांति तक मौसम में रहेगा बदलाव
मौसम का मिजाज आज सुबह से जिस तरह से बदल रहा है उसके चलते यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मकर संक्रांति तक यह हालात बने रहेंगे। हल्की बारिश या बूंदाबांदी के बाद निश्चित ही गलन भरी ठंड में इजाफा होगा। यह भी माना जा रहा है कि यह समय ऐसा है जबकि शीतलहर का प्रकोप भी निर्मित हो सकता है। दिसंबर तक लोगों को कड़ाके की ठंड से मुक्ति मिली हुई थी। अब मौसम में जिस तरह से परिवर्तन हो रहा है उसके चलते कड़ाके की ठंडक और गलन बढेगा। बसंत पंचमी के पूर्व तक ठंड अपने पूरे शबाब में रहेगी। इसके बाद ठंडक का असर धीरे-धीरे घटेगा। मकर संक्रांति के आसपास बारिश की संभावना हमेंशा निर्मित होती है। जिसके चलते शीतलहर एवं ठिठुरन भरी ठंडक का प्रकोप बढ़ जाता है। इसी वजह से अब लोग मकर संक्रांति तक बारिश एवं तेज ठंड पडऩे का कयास लगा रहे हैं। किसान भी इस उम्मीद में हैं कि हल्की बारिश हो जाए तो उनको रबी सीजन की खेती में फिलहाल लाभ मिलेगा। आज सुबह कुछ समय के लिए हल्की धूप खिली लेकिन कुछ समय के अंदर ही सूर्यदेव घने बादलों के आगोश में आ गए। दोपहर में कई स्थानों में बूंदाबांदी का दौर भी चला। जिसके कारण यह संभावना जताई जा रही है कि आकाश में उमड़ रहे बादलों के चलते कभी भी हल्की बारिश हो सकती है।