विंध्य अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन दिखाई गई एक से बढ़कर एक कई फिल्में, अविनाश दास की मास्टरक्लास में खूब पूछे गए सवाल,

 

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। सीधी के वैष्णवी गार्डन में बुधवार की सुबह गुलाबी ठंड के बीच विंध्य अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन की शुरुआत हुई. दिनभर एक से बढ़कर एक कई फिल्में दिखाई गईं और फिल्मों पर दर्शकों और निर्देशकों के बीच खूब बातचीत भी हुई। शाम के टी ब्रेक के बाद अनारकली आॅफ आरा और इन गलियों में फेम डायरेक्टर अविनाश दास की मास्टरक्लास हुई. फेस्टिवल डायरेक्टर प्रवीण सिंह चौहान के साथ बातचीत के दौरान दास ने फिल्म निर्माण से जुड़ी बारीकियों पर बातचीत की।इससे पहले फेस्टिवल की शुरुआत कन्नड़ फीचर फिल्म ‘द जर्नी आॅफ बेली’ से हुई. आर्मी बैक्ग्राउंड फैमिली में पिता-पुत्री संबंध पर बनी इस फिल्म पर निर्देशक गौरी श्रीनिवास दर्शकों से मुखातिब हुईं।इसके बाद चेन्नई के फिल्मकार योगन वी की महज 3 मिनट की शॉर्ट फिल्म ने दर्शकों को झकझोर कर रख दिया. बाल यौन शोषण पर बनी इस फिल्म के निर्देशक की इस बात के लिए तारीफ हुई कि बिना किसी अश्लील दृश्यों के उन्होंने विषय को बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया।मध्यप्रदेश के फिल्मकार प्रणीत जॉन्जल की की शॉर्ट फिल्म भैरवी ने सबका ध्यान खींचा. खासकर एक्टिंग और टेक्निकल पक्षों पर बातचीत हुई।

 

रैप सिंगर पर बनी फिल्म ने भी ध्यान खींचा,

 

जबलपुर के लोकप्रिय रैप सिंगर FPC एंक उर्फ अंकित बर्मन के संघर्ष पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म माइक ड्रॉप की स्क्रीनिंग हुई. कल्लोल मुखर्जी निर्देशित इस फिल्म के बाद रैप ​स्टार अंकित, दर्शकों से मुखातिब हुए और अपने संघर्षों के बारे में बताया. उन्होंने दर्शकों की​ डिमांड पर अपना फेमस रैप सॉन्ग ‘काए बड्डा’ गाकर सुनाया।इसके बाद नेशनल फिल्म पुरस्कार से पुरस्कृत सोमनाथ मंडल ने अपनी फिल्म मदन वेरी के प्रदर्शन के बाद दर्शकों से बातचीत करते हुए बताया कि कैसे लुप्त होते वाद्य मदन वेरी पर फिल्म बनाने की प्रेरणा उन्हें मिली, जो कि घासी कम्यूनिटी की आजीविका का साधन हुआ करता था और समय के साथ कैसे विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गया. क्रिएटिव और सकारात्मक प्रयासों से फिर से दिन संवरने की उम्मीद है।कामकाजी महिला के जीवन पर बनी फिल्म कप आफ टी, घरेलू हिंसा पर बनी रसम और कांच की ग्लास ​जैसी फिल्मों ने भी खूब वाहवाही बटोरी,

 

 

बिना सरकारी मदद के सफल आयोजन,

 

 

आयोजक डॉ अनूप मिश्रा ने बताया कि ये ​महोत्सव पिछले 6 साल से बिना किसी सरकारी सहयोग से आयोजित किया जाता रहा है और यहां समाज के अलग—अलग वर्गों से काफी सहयोग मिल रहा है. हॉस्पिटैलिटी में होटल अक्षत रेसीडेंसी, होटल मधुसूदन पैलेस के अलावा सिद्धभूमि इंटरनेशनल स्कूल, सीधी टूर एंड ट्रैवल्स जैसे सहयोगी शामिल हैं. वहीं, पारस ब्ल्डिर्स, विद्यार्थी डिस्ट्रीब्यूटर, कान्हा ट्रेडर्स, जी राम बुक्स, बी यू, अनिल एंटरप्राइजेज, श्रीरूप ​श्रृंगार, पवित्रा, केके एजेंसीज, उमंग बैग हाउस, लकी कंप्यूटरर्स का भी सहयोग प्राप्त हुआ है। महोत्सव के संयोजक नीरज कुंदेर सीधी ने बताया कि गुरुवार को कई सारी बेहतरीन फिल्में दिखाई जाएंगी और कुछ सरप्राइज पैकेज भी हैं. उन्होंने सीधी के लोगों से बड़ी संख्या में आकर सहभागिता करने की अपील की है.

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