9 लाख क्विंटल से ज्यादा धान का हो चुका है परिवहन,

उपार्जन केंद्रों में अब भी मौजूद है 1 लाख क्विंटल से अधिक धान,

 

 

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी।धान उपार्जन का कार्य सीधी जिले में शुरू होने के बाद से एक दिन करीब 6 घंटे की बारिश हो चुकी है। उस दौरान करीब 3 लाख क्विंटल धान भीगने की जानकारी सामने आई थी। गनीमत यह थी कि 6 घंटे बाद बारिश का दौर थम गया और ज्यादा क्षति नहीं हो सकी। बेमौसम बारिश का अंदेशा अब भी बना हुआ है। आसमान में उमड़ रहे बादलों के चलते कभी भी बारिश हो सकती है। उक्त संभावना के चलते उपार्जन केंद्रों में मौजूद धान के परिवहन का कार्य तेजी के साथ चल रहा है। जिले के उपार्जन केन्द्रों से अभी तक 9 लाख क्विंटल धान का परिवहन किया जा चुका है। वहीं उपार्जन केन्द्रों मे अब भी करीब एक लाख क्विंटल धान शेष है। बारिश से उपार्जन केन्द्रों में मौजूद धान को बचाने के लिये गाडियों की संख्या भी बढ़ाई गई है। बताते चलें कि सीधी जिले में धान की खरीदी के लिये 44 उपार्जन केन्द्र बनाये गये हैं। मप्र शासन द्वारा 2 दिसम्बर से धान उपार्जन के आदेश जारी किये गये थे। स्लाट बुकिंग कई दिनों तक न होने के कारण किसान अपनी धान लेकर उपार्जन केन्द्रों में 9 दिसम्बर से पहुंचना शुरू किये थे। इसके बाद से धान बेंचने के कार्य में काफी तेजी परिलक्षित हो रही थी। इसी बीच 28 दिसम्बर को बेमौसम बारिश होने के कारण जिले में हजारों क्विंटल धान भीग गई। हालांकि यह समस्या प्रदेश के अधिकांश जिलों में शासन की अदूरदर्शिता के कारण ही निर्मित हुई। धान खरीदी का काम तो शासन द्वारा आनन-फानन में शुरू करा दिया गया था लेकिन खरीदी केन्द्रों में आने वाली धान के परिवहन को लेकर समुचित व्यवस्थाएं नहीं बनाई गई। खरीदी का कार्य शुरू होते ही मिलर्स द्वारा हड़ताल शुरू कर दी गई। इनसे समझौता होने के कुछ दिन के अंदर ही बेमौसम बारिश हो गई। उधर सीधी जिले के मिलर्स का कहना था कि एग्रीमेंट होने के बाद भी उन्हें कई दिनों तक गोदाम आवंटित नहीं किया गया। जिसके चलते वह खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव कर रखने में असमर्थ थे। बारिश से और धान न भीगे इस वजह से शासन द्वारा अलग से ट्रांसपोर्टिंग कराने के आदेश भी 19 दिसम्बर की शाम को जारी किये गये थे। ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था बनाने में भी कई दिन लग गये जिसके चलते खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव समुचित मात्रा में नहीं हुआ और 28 दिसम्बर को सुबह से लेकर दोपहर तक बारिश होती रही। एक खरीदी केन्द्र में उस दौरान लगभग 15-20 हजार क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे मौजूद थी, जबकि बारिश से धान को बचाने के इंतजाम न काफी थे। अब खरीदी केन्द्रों में मौजूद धान को बचाने पर्याप्त इंतजाम हो चुके है।

 

 

 

इनका कहना है।

 

 

 

जिले के उपार्जन केन्द्रों से 9 लाख क्विंटल धान का परिवहन किया जा चुका है। अब भी करीब एक लाख क्विंटल धान उपार्जन केन्द्रों में मौजूद है साथ ही पंजीकृत किसानों से धान की खरीदी लगातार हो रही है। बारिश से उपार्जन केन्द्रों में मौजूद धान न भीगे इस वजह से जल्द से जल्द परिवहन कराया जा रहा है। गाडिय़ों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। उम्मीद है कि 4-5 दिन में खरीदी केन्द्रों में मौजूद अधिकांश धान का परिवहन हो जायेगा। एक सवाल के जवाब में कहा कि जिन उपार्जन केन्द्रों में किसानों से निर्धारित से ज्यादा धान लेने की शिकायतें सामने आ रही हैं वहां जांच कार्यवाई की जा रही है।

 

 

नागेन्द्र सिंह, जिला खाद्य एवं

आपूर्ति अधिकारी सीधी।

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