पंचायतों में आयोजित होने वाले शिविर में नहीं जाते स्थानीय अधिकारी,

जन कल्याण अभियान में आम जनों का नहीं किया जाता कल्याण,

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। मुख्यमंत्री जन कल्याण अभियान अंतर्गत शहरों एवं गांवों में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान के तहत सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की पात्रता रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को लाभ देना सुनिश्चित करना है। इसके लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में संपर्क दलों को घर-घर जाकर अपने क्षेत्र के परिवारों से संपर्क कर उनका आवेदन प्राप्त करना है। प्राप्त हुए आवेदनों में से योजना की पात्रता अनुसार हितग्राही चिन्हित कर उन्हें योजनाओं से लाभान्वित करने के आदेश भी दिए गए हैं। इसी तारतम्य में सीधी जिले में भी शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। यह जरूर है कि सीधी जिले में आयोजित होने वाले शिविरों से लोगों को लाभ मिलता नहीं दिख रहा है। शिविर के आयोजन के दौरान कर्मचारियों द्वारा लोगों से प्राप्त आवेदनों को लेने के बाद केवल कागजी कोरमपूर्ति की जा रही है। हितग्राहियों को पात्रता के अनुसार योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए कोई सार्थक कार्यवाही नहीं हो रही है। ऐसे में यह चर्चा हो रही है कि लगाए जाने वाले शिविर केवल दिखावा के लिए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति तो यह है कि यहां अधिकांश विभागों के अधिकारी शिविर में नहीं पहुंचते। कुछ विभागों के कर्मचारी शिविर में पहुंचते हैं और उनके द्वारा केवल आवेदन लेने की कार्यवाही की जाती है। शिविरों के माध्यम से प्रदेश सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं से वंचित व्यक्तियों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री जन कल्याण अभियान अंतर्गत शिविर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। अभियान का मकशद केंद्र एवं राज्य सरकार की सभी जन कल्याणकारी योजनाओं के पात्र हितग्राहियों को शत प्रतिशत लाभान्वित कराना है। यह तभी संभव होगा जब योजनाओं की जानकारी लोगों को हो तथा उसका प्रभावी क्रियान्वयन सीधी जिले में हो। मुख्यमंत्री जन कल्याण अभियान के उद्देश्य एवं अभियन में 45 जन कल्याणकारी योजनाओं एवं प्रदाय की जाने वाली 63 सेवाएं शामिल हैं। निर्देशों में कहा गया है कि शिविर में ही आने वाले आवेदनों को पंजीकृत कर पोर्टल में दर्ज करना है। अधिकांश आवेदन जिनका निराकरण शिविर स्थल पर हो सकता है उसको निराकृत कर हितलाभ देना है।

 

 

 

नहीं की जा रही त्वरित कार्यवाही,

 

 

 

जो आवेदन शिविर में निराकृत नहीं हो सकते उन आवेदनों का निराकरण 26 जनवरी 2025 के पूर्व कराकर संबंधित आवेदनकर्ता को सूचित करना है। बावजूद इसके सीधी जिले में जो शिविर लगाए जा रहे हैं उनमें आवेदन तो लिए जा रहे हैं लेकिन उन पर त्वरित कार्यवाही करने की जरूरत नहीं समझी जा रही है। शिविर में विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र तथा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों को प्रमाणपत्र भी अधिकांश शिविरों में वितरित नहीं किए जा रहे हैं। यह अवश्य है कि विधानसभा क्षेत्र सिहावल में विधायक की मौजूदगी में आने वाले आवेदनों को प्राथमिकता के साथ निराकृत किया जा रहा है। जबकि अन्य स्थानों में जहां विधायको की उपस्थिति शिविर में नहीं रहती वहां कर्मचारियों द्वारा केवल दिखावे के लिए ही आयोजन किए जा रहे हैं। शिविर में आने वाले अधिकांश आवेदनों का पंजीयन भी पोर्टल में नहीं किया जा रहा है।

hi
error: Content is protected !!
×