नाटक नूरमहल में दिखा अभिनय का जादू

सुप्रसिद्ध नाटककार एवं पटकथा अशोक मिश्र के नाटक नूरमहल का किया गया मंचन

संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से तीन दिवसीय बहुभाषिक नाट्य उत्सव हुआ सम्पन्न

बीरबल समाचार सीधी।

सीधी में चल रही निःशुल्क आवासीय प्रस्तुति परक राष्ट्रीय नाट्य कार्यशाला का तीन दिवसीय बहुभाषिक नाट्य उत्सव के साथ भव्य समापन हुआ। नाट्य उत्सव के अन्तिम दिवस सुप्रसिद्ध नाटककार, पटकथा लेखक अशोक मिश्र द्वारा लिखित नाटक “नूरमहल” का अद्भुत मंचन हुआ,नाटक में बतौर अभिनेता लवजीत शर्मा के अभिनय का जादू देख दर्शक लोट-पोट हो गए, नाटक की शुरुआत नौकर फखरुद्दीन के साफ सफाई से होती है नाटक में 99 वर्षीय बड़े अब्बा की रोचक कहानी दर्शकों को बार-बार ताली बजाने के लिए मजबूर कर देती है और अंत होते-होते भावुक कर जाती है,नाटक में फखरुद्दीन का एक महत्वपूर्ण संवाद “मेरा इस दुनिया में कोई न होते हुए भी बड़े अब्बा हैं लेकिन बड़े अब्बा का बड़ा परिवार तीन बेटे पांच बहू और पोता- पोती सबके होते हुए भी कोई नहीं है” यह संवाद आज की पीढ़ी के लिए एक बड़ा सवाल छोड़ गया जो दर्शकों को झकझोर कर रख दिया।नाटक का निर्देशन युवा नाटककार एवं निर्देशक रोशनी प्रसाद मिश्र ने किया था, रोशनी प्रसाद मिश्र इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ छत्तीसगढ़ से रंगमंच लोक संगीत की पढ़ाई पूरी करने के बाद से अनवरत नाट्य लेखन, निर्देशन,संगीत निर्देशन और अभिनय के साथ-साथ लोक कला के शोधकार्य में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं जो सीधी के लिए गौरव की बात है। नाटक में मंच परे प्रकाश परिकल्पना रजनीश जायसवाल तथा संचालन धीरज पुरोहित ने किया वहीं संगीत संयोजन आशुतोष शुक्ल, रूप सज्जा स्नेहा कुमारी, वस्त्र सज्जा विनीता सिंह ने किया। मंच प्रबंधन प्रजीत साकेत का रहा नाट्य उत्सव की परिकल्पना नीरज कुंदेर की थी तथा संयोजन रोशनी प्रसाद मिश्र ने किया। आयोजन इन्द्रवती नाट्य समिति सीधी जिसमें विशेष सहयोग संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार तथा एक्सट्रीम आर्ट एण्ड एजुकेशनल सोसाइटी का था। यह नाट्य उत्सव स्थानीय बैजनाथ सभागार में चल रहा था। नाट्य प्रस्तुति से पूर्व विशिष्ट अतिथि राज बहोरन सिंह,डॉ.अनूप मिश्र, डॉ.मनोज मिश्र, सूर्य प्रकाश सिंह और बाबूलाल कुंदेर ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। नाटक की प्रस्तुति उपरांत कार्यशाला प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। विशिष्ट अतिथि राज बहोरन सिंह ने उद्बोधन देते हुए कहा कि इन्द्रवती नाट्य समिति सीधी का रंगमंच और लोकमंच के लिए समर्पण काबिले तारीफ़ है जितनी भी प्रशंसा की जाए कम ही होगी, वहीं संस्था संरक्षक डॉ. अनूप मिश्र ने कहा कि हर वर्ष समिति द्वारा राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जाता है जिसमें अनेकों रंग विद्यार्थी आकर निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं अब तक में हजारों प्रतिभागियों ने भाग लिया और अच्छा कार्य कर रहे हैं जो सीधी के लिए गौरव की बात है वहीं रंजना मिश्रा ने कहा कि हम नीरज भैया और रोशनी भैया के सारे नाटक देखते हैं और इनकी कला के मुरीद हो गए हैं। अतिथियों के बाद प्रतिभागियों में आशुतोष शुक्ल ने अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा कि सीधी दुनिया की इकलौती जगह है जहां पर निःशुल्क आवासीय राष्ट्रीय नाट्य कार्यशाला की जाती है और सहजता के साथ रंगमंच के साथ-साथ लोक कलाओं का भी प्रशिक्षण दिया जाता है, लवजीत शर्मा ने कहा कि अन्य जगहों पर इस प्रशिक्षण की बहुत ज्यादा शुल्क होती है जो हम जैसे विद्यार्थियों के लिए पूरा कर पाना मुश्किल होता है, स्नेहा कुमारी ने कहा कि सीधी आकर हमने कहानियों को समझना और मंचन करना अच्छे तरीके से सीखा है, विनीता सिंह ने कहा कि हमें सीधी आकर बघेलखंड की संस्कृति को अच्छे से समझने और सीखने को मिला, धीरज पुरोहित ने कहा कि हमें जो भी सीखने को मिला वह अद्भुत था उसे बता पाना मुश्किल है सिर्फ़ महसूस किया जा सकता है। मंच संचालन आशुतोष शुक्ल ने किया तथा अंत में रोशनी प्रसाद मिश्र ने सभी अतिथियों कलाकारों व दर्शकों का आभार व्यक्त किया।

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