हनुमान मंदिर कपुरी कोठार के परिसर व तालाब में कराए जा रहे कार्य पर राजस्व न्यायालय ने लगाई रोंक,

सरपंच की अतिक्रमण कारी नीति पर लगेगी पाबंदी,

सरकारी भूमि पर कब्जा कर आवाद सरपंच मंदिर की भूमि पर अपने चहेते के लिए करा रही थी अवैध निर्माण,

 

 

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। जिले रामपुर नैकिन तहसील के कपुरी कोठार में स्थापित प्राचीन हनुमान मंदिर के तालाब परिसर भोजनालय भंडारा परिक्षेत्र को अपने आधीन करने की नियत रखने की नीति के तहत कराए जा रहे निर्माण को राजस्व न्यायालय ने अवैध मानते हुए जांच होने तक किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी है कराए जा रहे निर्माण पर रोक लगाने की गुहार मंदिर के पुजारी हनुमान प्रसाद मिश्र ने तहसीलदार से लगाई है। ज्ञात हो की कपुरी कोठार के प्राचीन हनुमान मंदिर और तालाब की जमीन पर समीपी ग्राम भरतपुर सगौनी निवासी अखिलेश पाण्डेय सौंदर्यीकरण के नाम पर कब्जा करना चाह रहे थे तालाब में बने वाटिका को खुद का निर्माण कराना बता कर पार्क घोषित कर दिया और उसी पार्क के भीतर मकान बनाना चालू कर दिए थे इतना ही नहीं श्री पाण्डेय ने बजरंग न्यास के नाम से ट्रस्ट बनाकर कर तालाब मंदिर को हड़पने के प्रयास में हो गये थे इसकी जानकारी पुजारी हनुमान प्रसाद मिश्र सहित क्षेत्रीय लोगों को हुई तो उनके नीति का जमकर विरोध करना शुरू कर दिए साथ ही थाना जनपद तहसील सहित तमाम जबाबदार अधिकारियों को लिखित मौखिक पत्र देकर न केवल ट्रस्ट बनाए जाने पर आपत्तियां दर्ज कराया बल्कि रोक लगाने की गुजारिश किया किन्तु अतिक्रमण कारी के दबाव के चलते कोई कार्रवाई नहीं की गई । मजवूरन पुजारी को न्यायालय का चौखट खटखटाना पड़ा है तब जाकर तहसीलदार ने निर्माण कार्य पर रोक लगाकर जांच किए जाने का आदेश दिया है।

 

 

 

 

 

खूब किये प्रयास पर नहीं गली दाल,

 

 

 

 

 

मंदिर सहित तालाब एवं जमीन पर कब्जा करने की पुरजोर कोशिश अखिलेश पाण्डेय कर रहे हैं लेकिन सफलता मिलती नजर नहीं आ रही है पहले ट्रस्ट बनाकर कोशिश  की गई  जब कामयाब नही हुए तो सरपंच  को आगे करके विवाद कराना  शुरू दिये हद तो तब हो गई  जब सरपंच ने मंदिर परिसर मैं आने जाने वालों को  रोकने की नियत सै परिसर मे दरवाजा लगाकर बंद करने  की पूरी तैयारी कर लिए थे लेकिन बजरंगबली की महिमा के चलते पुजारी की गुहार सुनकर तहसीलदार ने निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया जानकारों की मानें तो अखिलेश पाण्डेय तहसीलदार पर भी दबाव बनाकर रोक नहीं लगाने की कोशिश की गई लेकिन इमानदार तहसीलदार के सामने एक नहीं चली स्थगन जारी कर दिए।

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