मझौली कॉलेज के खेल मैदान निर्माण में संविदाकार गंभीर नहीं,

क्षेत्रीय विधायक के मंसूबों पर पानी फेर रहा विभाग व संविदाकार,

 

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। एक तरफ शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय मझौली को सर्व सुविधा युक्त एवं सुरक्षा उत्कृष्ट खेल मैदान को लेकर क्षेत्रीय विधायक काफी प्रयासरत हैं जिन्होंने प्रयास कर कॉलेज के खेल मैदान निर्माण के लिए बजट स्वीकृत कराया था लेकिन निर्माण कार्य को लेकर संविदाकार गंभीर नहीं है यही कारण है कि निविदा शर्तों के मुताबिक निर्धारित समय में निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ बल्कि अब इस बात पर भी संदेह है कि निर्माण कार्य पूरा होगा कि नहीं। ऐसे में कहा जा सकता है कि विधायक के मंसूबों पर संविदाकार व विभाग पानी फेर रहा है।प्राप्त जानकारी के मुताबिक छात्र/ छात्राओं के द्वारा सत्ता संगठन के स्थानीय नेताओं को कॉलेज में किस बात की जरूरत है जिसको लेकर जानकारी देते रहे हैं जिनके द्वारा क्षेत्रीय विधायक कुंवर सिंह टेकाम को अवगत कराया गया और खेल मैदान के लिए कहा गया, जिनके द्वारा सार्वजनिक कार्यक्रम में घोषणा भी की गई थी व खेल मैदान निर्माण के लिए 12 लाख 80 हजार रुपए का बजट स्वीकृत कराया भी गया उसी के अनुसार निर्माण कार्य की निविदा स्वीकृत की गई और निर्माण कार्य प्रारंभ भी किया गया लेकिन बीच-बीच में काम बंद कर दिया जाता है जिससे साफ जाहिर है कि निर्माण कार्य को लेकर संविदाकार गंभीर नहीं है वहीं उपयंत्री के द्वारा कहा गया कि निर्माण कार्य के देरी को लेकर उनके द्वारा वरिष्ठ कार्यालय को अवगत कराया जाता है बाकी जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिकारियों की है कि निविदाकार को पत्र जारी करें ताकि निर्माण कार्य शीघ्र हो।

 

 

 

 

विभागीय लापरवाही भी हो रही उजागर,

 

 

 

जिस तरह एक वर्ष पहले निविदा जारी की गई थी तो अंदेशा लगाया जा रहा था की 5 से 6 माह में ही बाउण्ड्री बनकर तैयार हो जायेगी लेकिन लोक निर्माण विभाग में पदस्त उपयंत्री व अनुविभागीय अधिकारी के उदासीनता व लापरवाही के चलते संविदाकार आधा-अधूरा कार्य छोड़कर नदारत है व निर्माणकार्य आधा-अधूरा पड़ा है।

 

 

 

इनका कहना हैं।

 

 

 

यह सही बात है कि कॉलेज के खेल मैदान निर्माण में देरी हो रही है जिसके संबंध में मेरे द्वारा वरिष्ठ कार्यालय को अवगत कराया गया है आगे की जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिकारियों की है।आप उन्हीं से बात कर लीजिए।

 

 

प्रभात श्रीवास्तव, उपयंत्री।

hi
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