प्रेम की ज्योति जलाओ – डा अनिल सिंह
संजय गांधी के अंग्रेजी विभाग में मनाया गया बाल दिवस
बीरबल समाचार सीधी ।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के जन्म दिवस के उपलक्ष पर सीधी जिले के संजय गांधी महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में प्राध्यापक डा अनिल सिंह के प्रयास से बाल दिवस कार्यक्रम आयोजित हुआ। डा अनिल सिंह का साथ दिया प्राध्यापक डा अखिलेश शर्मा, डा अर्चना सिंह एवं डा रितु साहू ने एम.ए. के छात्र शाश्वत श्रीवास्तव, शुभम पाठक एवं छात्रा गोल्डी सिंह ने चाचा नेहरू कि प्रशंसा में अपने विचार व्यक्त किए। बी.ए. की छात्रा साक्षी सिंह चौहान ने गुरुजन को समर्पित “ये तो सच है कि भगवान है” गीत प्रस्तुत किया एवं रुचि दिक्षित ने राधा रानी का भजन प्रस्तुत किया। एम.ए. की छात्रा रिचा द्विवेदी के चुटकुलों पर सब ने जमकर ठहाके लगाए। छात्रा पूर्वांशी सिंह ने सभी छात्रों कि ओर से गुरुजन के प्रति प्रेम एवं सम्मान व्यक्त किया। छात्र कुमार अमरेंद्र ने मित्रता पर स्वरचित कविता एवं गीत “तेरे जैसा यार कहां” गाया।
डा अनिल सिंह ने स्वरचित कविता “प्रेम की ज्योति जलाओ, बहुत अंधेरा है” प्रस्तुत की तथा पंडित नेहरू कि पुस्तकों पर चर्चा की। डॉ अनिल सिंह के अनुसार नेहरू कि पुस्तकें “भारत कि खोज” और “विश्व इतिहास कि झलक” बहुत ही रुचिकर एवं ज्ञानवर्धक हैं एवं नेहरू के उनकी बेटी श्रीमती इंदिरा गांधी को लिखे गए पत्रों का संकलन “पिता के पत्र” समाज को पिता-पुत्री के आदर्श संबंधो को दर्शाता है एवं हर आधुनिक पिता का मार्गदर्शन करता है। डा अखिलेश शर्मा ने “ऐसे गगन के तले” गीत गुनगुनाया एवं डा रितु साहू ने “रहें न रहें हम” गीत गाया। डा अर्चना सिंह ने सभी छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए समझाया कि कभी भी अपनी कलात्मकता को छिपा कर न रखें।
अंत में डा अनिल सिंह ने स्वलिखित पुस्तकें छात्रों को भेंट करके उन्हे पुरस्कृत किया। डा अनिल सिंह ने छात्रा रुचि दिक्षित को उनके भजन के लिए “एक नदी दस घाट” भेंट की, छात्रा क्रांति सिंह यादव को उनके गीत के लिए “अंधेरे में स्वप्न” भेंट की, छात्रा पूर्वांशी सिंह को “मुखौटों के विरुद्ध” भेंट की एवं छात्र जीतेन्द्र गुप्ता को उनके अध्ययन के प्रति लगन को देखकर पुस्तक “The Melody of Silence” (शांति का राग) भेंट की। इस समर्पण पर चर्चा करते हुए छात्र शाश्वत श्रीवास्तव ने सभी को कार्यक्रम का आभार प्रकट किया एवं सभी ने मिष्ठान के स्वाद के साथ कार्यक्रम का समापन किया।
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