गोपाल दास बांध में छठ पूजा के लिए उमड़ी मातृ शक्तियों की भीड़,

छठ मैया की पूजन के लिए लीनेस क्लब कामाख्या सीधी ने की व्यवस्था,

संतान प्राप्ति व उनके सुख समृद्धि का पर्व है छठ पूजन- डॉ.अनूप,

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। छठ पूजन का त्यौहार जहां बिहार के प्रमुख त्यौहारों व व्रतों में एक है वहीं दूसरी तरफ़ आज के समय में वैश्विक त्यौहार व पर्व का रूप ले चुका है जो न सिर्फ़ बिहार का बल्कि भारतीय पारंपरिक संस्कृति का पूरे विश्व में प्रतिनिधित्व करता है। इस अवसर पर जहां देश विदेश के कोने-कोने में छठी मैया की पूजा अर्चना की जा रही है वहीं सीधी के स्थानीय गोपाल दास बांध में लीनेस क्लब कामाख्या सीधी के विशेष प्रयास और मिश्रा नर्सिंग होम, अक्षत रेसीडेंसी व इन्द्रवती नाट्य समिति के सहयोग से डॉ.राजेश मिश्र सांसद सीधी के मार्गदर्शन में वृहद व्यवस्था की गई है जहां शहर की मातृ शक्तियों की भीड़ इकट्ठी होकर एक साथ छठी मैया का पूजन किया। इस अवसर पर सीधी के स्थानीय बाल कलाकारों ने छठ गीत के माध्यम से छठी मैया की आहुति की और ढलती शाम तक अपनी स्वरसाधना से भक्तों का मन मोह लिया, गायन में सृजन मिश्र, श्रुति सिंह, शुभी सिंह, दिव्या द्विवेदी, मानसी तिवारी व शुभम धर द्विवेदी तथा वादन में तबले पर श्लोक तिवारी, पैड पर सत्यम घर द्विवेदी, की बोर्ड पर शुभम धर द्विवेदी व मजीरा पर अष्टम धर द्विवेदी ने संगत किया। छठ पूजा कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक छठ पर्व मनाया जाता है। इस दौरान भगवान भास्कर और छठी मैया की पूजा अर्चना की जाती है। छठ पूजा खास तौर पर संतान की कामना और लंबी उम्र के लिए की जाती है। छठी मैया सूर्यदेव की बहन हैं और इस पर्व पर इन दोनों की पूजा अर्चना की जाती है। छठ पूजन की अलग-अलग मान्यताएं व कहानियां लोक में प्रचलित हैं छठ महापर्व के इतिहास की बात करें तो पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक माता सीता जब श्रीराम के साथ वनवास पर थीं तब उन्होंने पहली बार मुंगेर के तट पर ही छठ पूजन किया था। इसके बाद से छठ पूजन की शुरुआत हुई थी। डॉ अनूप मिश्र ने कहा कि यह पर्व बिहार के साथ-साथ पूरे विश्व में मनाया जा रहा है जो संतान प्राप्ति और उनकी लंबी उम्र तथा सुख समृद्धि के लिए है।कार्यक्रम में मंच संचालन रोशनी प्रसाद मिश्र ने किया इस अवसर पर की विशेष उपस्थिति रही, कार्यक्रम को सफल बनाने में लीनेस क्लब कामाख्या की अध्यक्ष डॉ.बीना मिश्रा, सचिव डॉ.सुनीता तिवारी,तारा तिवारी, विभा बघेल,नम्रता सिंह,शर्मिला सिंह,उर्मिला सिंह, रचना राजे सिंह,अक्षत रेसीडेंसी से राजेश सिंह बब्बू व सतीश द्विवेदी एवं इन्द्रवती नाट्य समिति से नीरज कुंदेर, रोशनी प्रसाद मिश्र व रजनीश जायसवाल की विशेष भूमिका रही।

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