करगिल के तालाब में मिला मगरमच्छ का बच्चा, दहशत में ग्रामीण,

सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने किया रेस्क्यू,

ग्रामीणों की मदद से मगरमच्छ के बच्चे को पकड़ा,

 

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर सोन नदी के किनारे स्थित ग्राम पंचायत करगिल के एक तालाब में मछली पकड़ने गए लोगों के जाल में आज मछली की जगह मगरमच्छ का बच्चा फस गया, जाल में फंसे इस जलीय जानवर के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थीं, आशंका जताई जा रही थी कि वह उसके साथ कुछ गलत कदम उठा सकते थे, अच्छा हुआ कि यह सब होने के पहले ही स्थानीय युवा अभिमन्यु पाण्डेय पहुंच गए और उन्होंने तत्काल वन विभाग की स्नैक टीम के प्रभारी पंकज मिश्रा को सूचना दे दी। श्री मिश्रा ने सूचना मिलते ही तत्काल सोन घड़ियाल विभाग को जानकारी देकर उनके तीन साथियों के साथ मौके पर पहुंच गए। जहां मौके पर जाकर देखा गया कि मछुआरों के जाल में फंसे जलीय जानवर जिसे लोग घड़ियाल बता रहे थे वह मगरमच्छ हैं, हालांकि घड़ियाल की अपेक्षा मगरमच्छ ज्यादा हिंसक माना जाता है, वन विभाग ने स्थानीय लोगों को तालाब में न घुसने की सलाह देते हुए लोगों से कहा कि इस तालाब की निगरानी करने की जरूरत है कारण कि यह बच्चा हैं ऐसे में इसके साथ अन्य मगर होने की भी आशंका है और अगर सावधानी नहीं बरती गई तो बड़ी घटना भी निर्मित हो सकती हैं। पंकज मिश्रा एवं टीम के साथियों ने मगरमच्छ को पकड़ कर सोन नदी के गऊघाट में स्वक्षंद विचरण के छोड़ दिया है। टीम के सदस्यों ने बताया कि इस वर्ष बारिश अच्छी होने के चलते, सोन नदी में पलने वाले जलीय जानवर मगरमच्छ एवं घड़ियाल नदी के समीपी ग्रामों में स्थित तालाबों में पहुंचने की जानकारी आए दिन मिल रही है।

 

 

 

दहशत में करगिल के ग्रामीण,

 

 

तालाब में मछली पकड़ने गए मछुआरों के जाल में आज गुरूवार को एक मगरमच्छ के बच्चे के फसने की खबर मिलते ही समूचे गांव में सन्नाटा पसर गया है। ग्रामीणों ने बताया कि इस तालाब में समूह द्वारा मछली पालन का कार्य किया जाता है, ऐसे में अच्छा हुआ कि किसी मानव जीव पर हमला नहीं हुआ वरना बड़ी घटना हो सकती थी। तालाब में मगर जैसे जलीय जानवर के पाए जाने से करगिल गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। यह मगरमच्छ अभी छोटा था और उसकी लंबाई करीब डेढ़ फीट थी। महिला स्व सहायता समूह जिसके द्वारा करगिल तालाब में मछली पालन किया जा रहा है। आज सुबह समूह द्वारा जाल के माध्यम से तालाब से जाल के माध्यम से मछली निकलवाई जा रही थी। उसी दौरान जाल में छोटा मगरमच्छ भी फंस गया। जब समूह द्वारा तालाब के पानी से जाल को बाहर खिंचवाया जा रहा था तो किनारे आते ही छोटे मगरमच्छ के फंसने की जानकारी मिली।

 

तालाब के समीप है विद्यालय,

 

 

करगिल तालाब में आज एक छोटे मगरमच्छ के मछली जाल में फंसकर बाहर आने पर मौके पर पहुंची वन एवं सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य की रेस्क्यू टीम को ग्रामीणों ने बताया कि तालाब के अंदर अभी अन्य छोटे मगरमच्छ भी हैं। कुछ लोगों ने दावा किया कि यहां तीन-चार मगरमच्छ देखे गए हैं। ऐसे में अभी तालाब के अंदर और भी छोटे मगरमच्छ मौजूद हैं। ग्रामीणों ने रेस्क्यू टीम से आग्रह किया कि तालाब में जाल लगाकर यहां मौजूद अन्य छोटे मगरमच्छों को पकड़ा जाए। यह मगरमच्छ आगे चलकर गांव के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है। जिस पर टीम द्वारा आश्वस्त किया गया कि जल्द ही वह ज्यादा संख्या में टीम के साथ आकर करगिल तालाब में मौजूद अन्य मगरमच्छों को भी पकडऩे की कवायद करेंगे। ग्रामीणों का कहना था कि समीपी नकटा नाला में मगरमच्छ दिखाई देते हैं। तालाब के समीपी ही शासकीय हाई स्कूल करगिल स्थित है। यहां पढऩे वाले कुछ बच्चों ने भी बताया कि उनके द्वारा भी तालाब के किनारे तीन-चार छोटे मगरमच्छों को बैठे हुए देखा गया था। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस वर्ष अच्छी बारिश होने के कारण मगरमच्छ के छोटे बच्चे वहां से पानी स्त्रोतों के माध्यम से समीपी करगिल तालाब तक पहुंच गए।

 

 

 

बढ़ रहा जानवरों का कुनवा,

 

 

 

एक तरफ जहां संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र सीधी अंर्तगत विभिन्न प्रजाति के जंगली जानवरों का कुनवा लगातार बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर विलुप्त होती जा रही जलीय जानवरों की प्रजाति मगर एवं घड़ियाल की संख्या में भी अच्छा खासा इजाफा देखने को मिल रहा है। हालांकि इनकी सुरक्षा व्यवस्था में लगें विभाग के आला अधिकारियों एवं कर्मचारियों का ध्यान ज्यादा नहीं देखा जा रहा, जिसका प्रमुख कारण यह बताया जा रहा है कि सोन नदी में बढ़ रहे मगर एवं घड़ियाल की जानकारी होने के बाद भी सोन नदी से अवैध रेत निकासी नहीं बंद हो रही है।

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