अभियोक्त्री के साथ छेडछाड के आरोपी को सजा,

 

 

 

 

 

सीधी। जिला न्यायालय सीधी के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने कोतवाली पुलिस द्वारा दर्ज किए गए एक मामले की सुनवाई करते हुए छेड़छाड़ के आरोपी को एक वर्ष की सजा सुनाई है। इस संबंध में न्यायालय के मीडिया सेल द्वारा मिली जानकारी अनुसार अभियोक्त्री अक्सर अभियुक्त के दुकान पर सामान खरीदने जाया करती थी, तो अभियुक्‍त उससे बोला करता था कि तुम अपने पति व बच्चे को छोड़ दो, उसके पास आ जाओ, वह उसको रख लेगा। उसके मना करने पर और गुस्सा करने पर, मजाक कर रहा हूं, बोलता था। अभियोक्‍त्री का पति कमाने खाने बाहर गया था। दिनांक 20 सितंबर 2016 को भी अभियोक्‍त्री उसकी दुकान पर गई थी, तो वह फिर से वही सब कहने लगा। तब वह उसकी दुकान में जाना बंद कर दी। जब उसका पति वापस लौट आये तो उन्हें सारी बाते बताई। दिनांक 04 अक्टूबर 2016 के दोपहर एक बजे तकरीबन अपने घर से दूर बंधे मवेशियों को चारा दे रही थी, तभी अभियुक्‍त मोटरसाईकिल से आया, गाड़ी रोककर उससे उसकी अस्‍मत मांगने लगा व बुरी नियत से उसका हांथ पकड़कर उसे जंगल की तरफ ले जाने लगा तथा कहने लगा कि उसके परिवार के लोग उसे छोड़ देगें तो वह उसे रख लेगा। तब वह हल्ला गोहार की तो घर से उसके पति और सास दौड़कर आयी तो उन्हें देखकर वह मोटरसाईकिल से स्कूल तरफ भागा और बोला कि किसी से कुछ बताओगी तो जान से मार दूंगा तब वह और उसके पति स्कूल की ओर गए और घटना के संबंध में वहां उपस्थित शिक्षकों को बताया। अभियोक्त्री की उक्त रिपोर्ट पर थाना कोतवाली द्वारा अपराध क्रमांक 885/2016 अंतर्गत धारा 354क, 354, 506 भाग-2 भा.द.स. पर कायमी कर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण अन्वेषण में लिया गया। संपूर्ण अन्वेषण उपरांत थाना कोतवाली सीधी द्वारा अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया, जिसके न्यायालयीन विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 878/2016 में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सुश्री सीनू वर्मा द्वारा अभियुक्त को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया, जिसके परिणामस्वरूप माननीय न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट प्रथम श्रेणी, सीधी की न्यायालय के द्वारा आरोपी रामलाल साहू तनय सीताराम साहू उम्र 31 वर्ष निवासी बोदरहा थाना कोतवाली को धारा 354 एवं धारा 354(क) भादवि के अपराध में एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2,000/- रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड की धनराशि में से रूपये 1,000/-रूपये (एक हजार रूपये मात्र) अभियोक्त्री को धारा 357(1) दं.प्र.सं. के प्रावधानों के अनुसार अपील अवधि पश्चात अपील न होने की स्थिति में अभियोक्त्री को क्षतिपूर्ति स्वरूप दिलाये जाने का आदेश पारित किया गया।

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