मीठे जहर के कारोबारी पर नहीं हो सकी कार्यवाही,
राजस्थान मिष्ठान भंडार के खिलाफ हिम्मत नहीं जुटा पा रहा प्रशासन,
वसूली तक सीमित हैं जिले का खाद्य औषधि विभाग,
बीरबल समाचार सीधी। कैमिकल युक्त मिठाई का धडल्ले से करोबार करने वाले मीठे जहर के कारोबारी पर आज तक कार्यवाही नहीं हो सकी है।कारोबारी द्वारा अपने मिलावटी खाद्य सामग्री की बिक्री के लिए एक-एक कर तीन दुकानों तक इस कारोबार को पहुंचा दिया है। कहने के लिए सरकार ने खाद्य औषधि विभाग बनाया हैं लेकिन सीधी जिले में यह विभाग सिर्फ वसूली तक सीमित हैं। खाद्य औषधि विभाग द्वारा न तो कभी निरीक्षण किया जाता और न ही कोई कार्यवाही। खास बात यह है कि इस कारोबार में मिलावट की जानकारी जिले के सभी जिम्मेवार अधिकारियों को हैं लेकिन किसी के द्वारा इसके प्रतिष्ठान की जांच नहीं कराई गई। आरोप है कि होटल संचालक ऐसे सभी जिम्मेवार अधिकारियों को गांधी जी की ताकत से मुट्ठी में कैद कर रखा है, जिसके चलते कार्यवाही तो दूर कोई इसकी ओर देखता तक नहीं है। और तो और जिले के राजनेताओं को भी इसके मिलावटी कारोबार की जानकारी हैं लेकिन किसी के द्वारा इसके प्रतिष्ठान की जांच को लेकर आवाज नहीं उठाई जाती। बताते हैं कि होटल संचालक राजनेताओं की खातिरदारी में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है और यहीं वजह है कि उसकी खातिरदारी के आगे सब चुप्पी साधे बैठे हैं। उल्लेखनीय है कि सात वर्ष पूर्व राजस्थान से आकर सीधी शहर में मिठाई का करोबार संचालित करने वाले सवाई सिंह पिता हीरा सिंह राजपुरोहित ने किराए की एक दुकान ली थीं और इन्हीं सात वर्षो के भीतर उसने तीन दुकान खोल दी और तो और शहर के हृदय स्थल डैनिहा में करोड़ों की जमीन खरीद कर आलीशान बंगला तैयार कर लिया। इतना ही नहीं सीधी में आधा दर्जन से अधिक प्लाट भी इसने खरीद रखें हैं। अब सवाल यह उठता है कि अगर होटल व्यवसाय में इतना मुनाफा हैं तो फिर पूर्व से संचालित होटलो के मालिक क्यों नहीं इतनी अकूत संपत्ति के मालिक बन गए। इसके पीछे की एक ही वजह बताई जा रही है और वह कैमिकल युक्त मिठाई के विक्री का मुनाफा, जो सीधी के होटल कारोबारी नहीं करते हैं और राजस्थान मिष्ठान भंडार को इसमें महारथ हासिल हैं।
छटने लगीं हैं दुकान से ग्राहकों की भीड़,
जिले के लोगों को अब राजस्थान मिष्ठान वितरण की मिठाई का स्वाद समझ आ गया हैं, यहीं वजह है कि अब दुकान में पुराने दिनों की तरह भीड़ नहीं लगती है, लेकिन शहर के बाहर से आने वाले लोगों में अभी भी पूरी सच्चाई नहीं पता है जिसके चलते वह इस दुकान में खरीददारी करने पहुंच रहें है। खास बात यह है कि मीठे जहर का करोबार करने वाले इस व्यापारी ने सभी अधिकारियों कर्मचारियों एवं नेताओं को खुश करने के लिए लिस्ट बना ली है। सूत्र बताते हैं कि हर माह इनको खुश करने के लिए व्यापारी द्वारा निर्धारित समय पर गांधी छाप बंद लिफाफे में पहुंचा रहा है जिसके चलते कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
निर्देश बाद भी नहीं निकला जांच दल,
त्यौहारों के दौरान दुकानदारों द्वारा मिलावटी मिठाइयों एवं अन्य खाद्य सामग्रियों की बिक्री की जाती है, जिसको खाने से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उपरोक्त स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये अपर जिला दण्डाधिकारी द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि जांच दल गठित कर जिला अंतर्गत समस्त दुकानों एवं प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण कर उपलब्ध समस्त खाद्य सामग्रियों की सैम्पलिंग की जावे एवं जाॅच पश्चात दोषी पाये जाने वाले संचालकों पर आवश्यक कार्यवाही करते हुये प्रतिवेदन कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, लेकिन यह आदेश जारी हुए तीन दिन बीत गए और आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।