फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए सुपर सीडर से करें बुवाई,
कृषकों को अनुदान पर कृषि यंत्र सुपर सीडर की है उपलब्धता,
बीरबल समाचार सीधी । जिले में मुख्य रूप से धान एवं गेहूँ की फसल कृषकों द्वारा ली जाती है। इन फसलों की कटाई के पश्चात् कृषक फसल अवशेषों में आग लगा देते हैं, जिससे खेत की उर्वरता प्रभावित होती है तथा पर्यावरण को भी नुकसान होता है। साथ ही आग लगने का भी खतरा बना रहता है। सहायक कृषि यंत्री ने इन समस्याओं के समाधान हेतु कृषकों को आधुनिक कृषि यंत्र सुपर सीडर के उपयोग की सलाह दी है।
सुपर सीडर:- कम्बाईन हार्वेस्टर से अधिक ऊँचाई पर फसल की कटाई उपरांत इस यंत्र से तत्काल बिना जुताई अगली फसल की बुवाई की जा सकती है। पूर्व फसल के अवशिष्टों की मल्विंग कर मृदा सुधार का कार्य करता है। फसल अवशिष्टों को जलाने की कुप्रथा को हतोत्साहित कर पर्यावरण संरक्षण और संरक्षित कृषि को प्रोत्साहन मिलता है। संरक्षित कृषि पद्धति के कारण समय, परिश्रम, लागत और सिंचाई जल में उल्लेखनीय बचत के साथ उत्पादन की मात्रा और गुणवत्ता में वृद्धि होती है। इस यंत्र के उपयोग से खरपतवारों के अंकुरण पर प्रभावी नियंत्रण होता है तथा विलंबित खरीफ की स्थिति होने पर रबी फसलों की यथा समय बुवाई संभव है।उक्त यंत्र कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय म.प्र. द्वारा मॉग अनुसार श्रेणी अंतर्गत अनुदान पर उपलब्ध है, जिसमें ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल अंतर्गत आवेदन करने पर कृषकों को अनुदान पर कृषि यंत्र सुपर सीडर उपलब्ध कराया जायेगा। अधिक जानकारी के लिए कार्यालय सहायक कृषि यंत्री, कृषि अभियांत्रिकी, सीधी में कृषक संपर्क कर सकते हैं। आवेदन हेतु कृषकों को आधार कार्ड, खतौनी, बैंक पास बुक, ट्रैक्टर रजिस्टेशन, अनु.जा. एवं अनु.ज.जा. कृषकों हेतु जाति प्रमाण पत्र एवं 05 हजार रूपये की धरोहर राशि सहायक कृषि यंत्री सीधी के नाम से बनवाकर अधिकृत विक्रेता अथवा कॉमन सर्विस सेंटर (एमपी ऑनलाइन) के माध्यम से ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल (farmer.mpdage.org) से ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत कर उक्त यंत्र पर अनुदान का लाभ ले सकते हैं।