बीरबल समाचार सीधी। किसानों के खेतों में बोई गई फसल को रिकॉर्ड में दर्ज न करने करने के कारण किसानों को फजीहतों का सामना करना पड़ रहा है साथ ही किसानो को अपनी उपज बेचने के लिए खरीदी केंद्र में पंजियन कराने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है उक्त बातें भरतपुर सहकारी समिति के किसान सुजीत सिंह परिहार ने कहा है। श्री परिहार ने कहा कि वह खारा ग्राम पंचायत के निवासी है कृषि उनका स्रोत का प्रमुख साधन है उसे पर भी अधिकारियों के लापरवाहियों के कारण किसानों को फजीहतों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों के खेतमें जो फसले बोई गई है उन्हें रिकॉर्ड में नहीं चढ़ाया गया है जिससे किसानों को पंजीयन करने मे कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है । इसके निराकरण केलिए प्रशासन स्तर पर कोई पहल नहीं की जा रही है जिसके चलते किसान को अपनी उपज बेचने के लिए होनेवाले पंजीयन से वंचित होना पड़ रहा है। सोमवार 14 अक्टूबर को पंजीयन कीअंतिम तारीख निर्धारित की गई थी लेकिन पटवारी ने अपने-अपने क्षेत्र में गिरदावरी नहीं कियाहै जिसके कारण किसानों को उपज बेचने के लिए पंजीयन से वंचितहोना पड़ा है उन्हें अब बिचौलियोंके हाथ उनके मनचाहीकीमत पर उपज बेचना पड़ेगा।
पंजीयन के दौरान चलता है पता
किसानों के खेत की गिरदावरी हुई हैया नहीं इसकी जानकारी किस को तभी लगतीहै जब वह उपज बेचने के लिए पंजीयन करने जाता है उससे पहले किस को जानकारी ही नहीं हो पाती की गिरदावरी हुई है या नहीं अधिकतर किसानों के रिकॉर्ड में गेहूं चना बोये जाने का उल्लेख किया गया है जिससे किसान का पंजियन हो ही नहीं पाया है।

