अस्पताल को खत्म कर गरीब के जीवन से खिलवाड़ कर रहीं सरकार-उमेश तिवारी,

बीरबल समाचार सीधी। जिला अस्पताल बचावा, जिउ बचावा संघर्ष मोर्चा द्वारा आज गुरूवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खाम्ह के सामने सत्याग्रह आंदोलन किया गया। अस्पताल बचावा जिउ बचाव सत्याग्रह आंदोलन में आए ग्रामीणों के समक्ष अपनी बात रखते हुए टोंको-रोंको-ठोंको क्रन्तिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा कि प्रदेश के दस जिला अस्पतालों को पीपीपी ( पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के बहाने निजी हाथों को सौंप कर प्रदेश की डॉ मोहन यादव की भाजपा सरकार गरीबों और आमजन के लिए बचे खुचे सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को भी छीन कर प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को माफियाओं के हवाले कर देना चाहती है। जिससे न केवल स्वास्थ्य सुविधाएं महंगी होंगी बल्कि आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएंगी। निजी हाथों को सौंपने से निजी निवेशक इसे जन स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए नहीं बल्कि मुनाफे के लिए चलाएंगे। भाजपा सरकार का यह कदम प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाला जनविरोधी कदम है। पीपीपी मोड में निजी निवेशकों को इतने अधिकार दिए गए हैं कि वे सरकारी डॉक्टरों, नर्सो, अन्य स्टाप की सेवाएं खतम कर अपनी मर्जी के डॉक्टरों, नर्सो अन्य स्टाप को नियुक्ति दे सकते हैं। यह मरीजों की लूट को बढ़ाने में मददगार होगा। इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए मनोज कोल नें कहा कि जिला अस्पताल को निजी हाथों में देने से सबसे ज्यादा आदिवासी प्रभावित होंगे। हम इसी समाज से आते हैं आदिवासी अभाव का जीवन जीता है कैसे कीमत देकर दवाई करा पाएगा। वहीं प्रभात वर्मा नें कहा कि जिला अस्पताल को निजीकरण किए जाने के सरकार के फैसले पर जनप्रतिनधियों सहित विपक्षी दलों की चुप्पी जनता के साथ धोखा है। देवेन्द्र सिंह चौहान नें कहा कि सरकार प्रदेश कि 10 जिला अस्पतालों को निजी हाथों में देकरके प्रयोग करना चाहती है भविष्य में समूचे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा निजी हाथों को सौपेंगे। अपनी बात रखते हुए दिनेश सिंह चौहान नें कहा कि आज खाम्ह का अस्पताल बचावा जिव सत्याग्रह का उद्देश्य गरीबों के प्राण बचाने का संघर्ष है। अपनी बात रखते हुए विकाश नारायण तिवारी नें कहा कि निजीकरण का निर्णय गरीब विरोधी है इसके विरोध में हमको बड़ी और मजबूत लड़ाई कि तैयारी करनी है।
धरने को इन्होने भी किया सबोधित,
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खाम्ह में अयोजित सत्याग्रह आंदोलन को राममणि मिश्रा, उर्मिला रावत, शिवराज शाहू, रामप्रसाद सिंह, नागेश जैसवाल, कमलेश तिवारी, रघुराज सिंह, दल प्रताप सिंह, नारायण आदि। धरने के बाद मध्य प्रदेश के राज्यपाल के नाम का संबोधित आठ सूत्री ज्ञापन पत्र तहसीलदार को सौंपा गया।