दुस्कर्म के आरोपी को न्यायालय ने सुनाई 20 वर्ष की सजा,
विषेश न्यायाधीश पास्को एक्ट ने सुनाया फैसला,
बीरबल समाचार सीधी। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सीधी की न्यायालय के द्वारा अवयस्क अभियोक्त्री के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 20 वर्ष की सजा सुनाई गई है। बताया गया कि दिनांक 13 अप्रैल 2021 को अवयस्क अभियोक्त्री उम्र 17 वर्ष अपने घर से शाम करीब 4 बजे डाक बंगला स्थित हनुमान मंदिर में प्रसाद लेने के लिये निकली थी लेकिन शाम करीब 6 बजे तक वापस घर नहीं आयी। आस-पड़ोस व नाते रिश्तेदारी में पता किया लेकिन नहीं मिली तब अभियोक्त्री की मां ने उसकी नाबालिग पुत्री अभियोक्त्री को अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के संबंध में थाना कोतवाली सीधी में रिपोर्ट लिखायी। थाना कोतवाली सीधी में प्रथम सूचना रिपोर्ट अपराध क्रमांक 0368/2021 दिनांक 14 अप्रैल 2021 अंतर्गत धारा 363 भादंसं पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। दिनांक 14 अप्रैल 2021 की रात्रि में अभियोक्त्री स्वयं से घर वापस आ गयी और पूंछताछ करने पर अपनी मां पिता एवं बड़ी मां को यह जानकारी दी कि आरोपी उसे अपने घर कुकड़ीझर ले गया था और अपने घर रखकर उसके साथ दो बार गलत काम किया था। अभियोक्त्री के दस्तयाब होने दस्तयाबी पंचनामा बनाये जाने के पश्चात अभियोक्त्री को उसकी मां को सुपर्द कर सुपुर्दगी पंचनामा तैयार किया गया। अभियोक्त्री एवं साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किये गए। पुलिस द्वारा विवेचना पश्चात धारा 363, 376(2)(द) एवं धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट के अन्तर्गत अभियोग पत्र तैयार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसके न्यायालयीन विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 69/2021 में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा द्वारा अभियुक्तगण को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया। जिसके परिणामस्वरूप विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सीधी की न्यायालय के द्वारा आरोपी गुड्डू साकेत तनय सुदामा साकेत उम्र 29 वर्ष निवासी ग्राम कुकड़ीझर थाना कोतवाली सीधी जिला सीधी मप्र को धारा 366 भादवि के अपराध में कुल 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपए अर्थदण्ड एवं 5(एल)/6 पॉक्सो एक्ट के अपराध में कुल 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 20 हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड की धनराशि रूपये 25 हजार रूपये अभियोक्त्री को धारा 357(1)(बी) दंप्रसं के प्रावधानों के अनुसार अपील अवधि पश्चात अपील न होने की स्थिति में अभियोक्त्री को क्षतिपूर्ति स्वरूप दिलाये जाने का आदेश पारित किया गया। इसके अतिरिक्त अभियोक्त्री को 50 हजार रुपए प्रतिकर के रूप में अदा किये जाने के परिप्रेक्ष्य में सचिव जिला विधिक प्राधिकरण को पत्र सहित निर्णय की प्रति प्रेषित की गई है।