हनुमान मंदिर व तालाब की भूमि पर लगी ट्रस्ट व्यवसाई की गिद्ध दृष्टि,

 अपने चहेते को दिलाना चाहते है पुजारी की गद्दी, पर्यटन केंद्र के बहाने बनाना चाह रहे निजी महल,

पुजारी ने नहीं मानी बात तो लगाने लगे अनर्गल आरोप,

पहले बिना किसी को बताए बना लिया बजरंग पर्यटन न्यास ट्रस्ट,

कोर्ट में पेश दस्तावेज से हुआ खुलासा, अध्यक्ष सहित सदस्यों के कराए धोखे से हस्ताक्षर,

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। जिले के रामपुर नैकिन तहसील के कपुरी कोठार में स्थापित प्राचीन हनुमान मंदिर एवं तालाब का शासन एवं जन सहयोग से हुए विकास एवं विस्तार को देखकर को क्षेत्र के राजनैतिक व्यापारी को लालच आ गया उन्होंने गुपचुप तरीके से अपने चहेते लोगों का सहयोग लेकर मंदिर एवं तालाब की भूमि को हड़पने की ऐसी योजना बनाई की क्षेत्र को लोगों को उम्मीद ही नहीं थी। जनता को भरोसा नहीं हो रहा की राजनीतिक पकड़ का उपयोग धर्म स्थल जनता की आस्था के केंद्र वाली जगह को वह अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के विकास में उपयोग करने की रणनीति बना रहे हैं। जब जानकारी हुई तो जनता में आक्रोश पनप गया और विरोध प्रदर्शन किया जाने लगा व्यवसाई ने पुजारी को आगे करके जमीन हड़पने की योजना बना ली लेकिन पुजारी उसके झांसे में नहीं आए तो पुजारी पर ही धार्मिक उन्माद पैदा करने का आरोप लगाकर मीडिया में खबरें प्रकाशित कराने लगे जिससे पुजारी भयभीत हो कर उसकी योजना में शामिल हो जाए लेकिन पुजारी असली हनुमान भक्त निकल गये उनकी हर यातना का वेवाकी से जबाब देकर योजना में पानी फेर दिये। ज्ञात हो की कपुरी कोठार में दो सौ साल पूर्व हनुमान मंदिर एवं तालाब का निर्माण किया गया था जिसका धीरे धीरे विकास और विस्तार होता आया है हनुमान जी महराज पर आस्था रखने वाले लोग परिसर विकसित किए साथ ही आस्था रखने वालों ने तालाब का सौंदर्यीकरण करने लगे जिसे देखकर जनप्रतिनिधियों ने भी खुले मन से सहयोग किया और शासन से बजट मुहैया कराकर तालाब का सौंदर्यीकरण कराकर दार्शनिक स्थल बनाने में महती भूमिका निभाई है।

 

 

 

कागज में बना लिया बजरंग ट्रस्ट,

 

 

कपुरी कोठार के हनुमान मंदिर और तालाब की जमींन पर गिद्ध दृष्टि रखने वाले भरतपुर सगौनी निवासी अखिलेश पाण्डेय कपुरी कोठार सहित आसपास के गांव के कुछ लोगों के सहयोग से कागज में बजरंग न्यास ट्रस्ट का गठन कर लिया इतना ही नहीं ट्रस्ट का जो वायलाज बनाया उसका सर्वाधिकार सचिव को होने का उल्लेख कर खुद सचिव बन गए और ट्रस्ट को पंजीकृत करने का आवेदन एस डी एम चुरहट की न्यायालय में कर दिया इसमें ट्रस्ट का अध्यक्ष पुजारी हनुमान प्रसाद को बनाया लेकिन उन्हें जानकारी ही नहीं थी जब जानकारी हुई तो एस डी एम कोर्ट पहुंच कर आपत्ति लगा दिया ।

 

 

एस डी एम कोर्ट पेश हलफनामे से हुआ खुलासा,

 

 

कपुरी कोठार के हनुमान मंदिर और तालाब का ट्रस्ट बनाकर अपने आधीन करने का जब पुजारी सहित क्षेत्रीय लोगों ने विरोध करने लगे तो पंजियन कराने की अपील करने वाले ट्रस्ट के सचिव ने आवेदन वापस लेने आवेदन कर दिया साथ ही दावा किया किया ट्रस्ट का अध्यक्ष पुजारी को बनाया गया है इसकी जानकारी उन्हें अपने चहेतो के माध्यम से दिया था वही लोग मंदिर जाकर पुजारी हनुमान प्रसाद मिश्र के हस्ताक्षर कराए थे इस सपथ पत्र से खुलासा हो गया की ट्रस्ट का गठन ट्रस्ट के सचिव ने खुद बनाएं और बैठक किए वगैर लोगों के घर घर जाकर हस्ताक्षर कराए हैं ऐसा हम नहीं एस डी एम द्वारा दिए गए फैसले मे हवाला दिया गया है से हो रहा है। जब की जिसे अध्यक्ष बनाया गया था वो सपथ पत्र देकर बताए की उन्हें जानकारी नहीं है। फिर गठन सार्वजनिक तौर पर क्यों नहीं किया है। और गठन की जरूरत क्यों आन पड़ी है ।

 

 

किया विरोध तो करने लगे बदनाम,

 

 

हनुमान मंदिर के खानदानी पुजारी हनुमान प्रसाद मिश्र ने मीडिया को बताया की ट्रस्ट का विरोध न करने का दबाव अखिलेश पाण्डेय द्वारा लगातार बनाया जाता रहा लेकिन वे धार्मिक स्थल को पर्यटन स्थल पर बदलने का विरोध करते रहने पर अडिग रहे तो आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी देने लगे इसपर भी वो नहीं माने तो सोसल मीडिया में धार्मिक उन्माद पैदा करने का आरोप लगाने लगे मीडिया में खबरें प्रकाशित कराने लगे जिससे की पुजारी बदनाम हो जाने के डर से भयभीत होकर अखिलेश पाण्डेय के इस हरकत की विरोधी नहीं करें।

 

खुलेआम तालाब में कब्जा करने की दी धमकी,

 

 

हमारे ग्राम पंचायत कपुरी कोठार के प्राचीन हनुमान मंदिर परिसर तालाब का विस्तार विकास ग्राम पंचायत पिछले दस वर्षों से कर रही है साथ ही आस्थावान भक्तों के द्वारा किया गया है लेकिन समीपी गांव सगौनी भरतपुर के निवासी अखिलेश पाण्डेय इस कार्य को खुद के बजट से कराना बताकर मंदिर तालाब अपने कब्जे में लेना चाहते है इस धर्म स्थल को पर्यटन स्थल बनाने के लिए ट्रस्ट तक गोपनीय तरीके से बना लिया जिसका विरोध हम सबने किया तो धमकी देना शुरू कर दिए और 20सितम्बर को अपने लोगों को मंदिर में बुलाकर सभा आयोजित किए जिसमें उन्होंने खुलेआम कहा की मंदिर का विरोध हो रहा है तो छोड़ रहा हूं पर तालाब किसी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे उक्त बातें समाजसेवी महेंद्र सिंह गहरवार ने कहा है। उन्होंने कहा कि अखिलेश पाण्डेय तालाब पर ऐसे अधिकार जता रहे हैं मानो उन्होंने ने ही दो सौ साल पहले दिया रहा हो।

 

 

 

ट्रस्ट बनाते समय किसी को विश्वास में लेना उचित नहीं समझा -अंकित सिंह,

 

 

 

हनुमान मंदिर परिसर और तालाब के सौंदर्यीकरण विस्तार रखरखाव के लिए अखिलेश पाण्डेय ने ट्रस्ट बनाया पर नियत उनकी साफ नहीं थी यही कारण है की उन्होंने ट्रस्ट घर बैठे बना लिया अपने चहेतों को व्यापारियों को सामिल कर लिए किसी को कानों-कान खबर नहीं दिया इसका खुलासा तब हुआ जब उन्होंने एस डी एम कोर्ट में वीरेंद्र द्विवेदी प्रभात द्विवेदी सहित अन्य का हल्फनामा पेश किया की उन्होंने अध्यक्ष का हस्ताक्षर कराने मंदिर गए थे इससे जाहिर होता है की ट्रस्ट का गठन सभी की मौजूदगी में नहीं हुआ था वरना जिसे अध्यक्ष बनाया गया था उनका दस्तखत कराने दूत क्यों भेजना पड़ता। न्यायालय का समय वर्वाद करने जनता की भावनाओं आस्था पर कुठाराघात करने पुजारी की सिखा उखाड़ने की धमकी दिलाने के आरोप की जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए।अंकित सिंह युवा समाज सेवी कपुरी कोठार

 

 

 

इनका कहना है।

 

 

 

 

मेरे ग्राम पंचायत में प्राचीन हनुमान मंदिर और तालाब है जिसके सौंदर्यीकरण का काम पंचायत के बजट से किया गया है पार्क सहित सड़क भोजनालय आदि निर्माण किया है लेकिन समीपी गांव सगौनी भरतपुर निवासी अखिलेश पाण्डेय नाम के व्यक्ति ने नाजायज़ दबाव बनाकर पत्रकारिता की धौंस दिखाकर तालाब और मंदिर पर अपना अधिपत्य जमाना चाह रहे हैं । उन्होंने पुजारी सहित उन तमाम लोगों को फ़र्ज़ मामलों में फंसा देने की धमकी देकर डरा रहे हैं। उन्होंने एस डी एम कोर्ट में भी फर्जी हलफनामे लगवाए इसकी जांच होनी चाहिए और कार्रवाई की जानी चाहिए।

 

 

सोमू प्रशांत पाण्डेय

उप सरपंच कपुरी कोठार सीधी।

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