शारदेय नवरात्रि पर आज से पंडालों में सजेगा माता का दरबार, आराधना के साथ पंडालो में स्थापित होगी मूर्तियां, जिले भर में नवरात्रि को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह,

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी।शारदेय नवरात्रि पर्व का आगाज आज गुरुवार से शुरू हो रहा है। शहर सहित पूरे जिले में जगह-जगह, मुहल्लो-मुहल्लों में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापना के लिए पंडाल बनाए गए हैं। गुरुवार को सुबह से ही लोग मूर्तिकारों के यहां मां दुर्गा की मूर्ति के लिए गाजे-बाजे के साथ पहुंचकर वाहनों से माता की प्रतिमाएं अपने-अपने पंडालों में ले जाना शुरू करेंगे। जिले भर में शारदेय नवरात्रि को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। नवरात्रि में शहरी क्षेत्रों के साथ ही कस्बाई एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। इस वजह से नवरात्रि के दिनों में हर तरफ जय मां दुर्गे की जयघोष सुनाई देने लगती हैं। नवरात्रि के प्रारंभ होने से भक्तगणों की फल एवं पूजा सामग्री की दुकानों में काफी भीड़ देखने को मिलेगी। नवरात्रि शुरू होने से फल के दाम भी काफी बढ़ गए हैं। नवरात्रि में काफी लोग नौ दिन तक व्रत करते हैं। मां देवी की आराधना का पर्व नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार से हो जाएगी। श्रद्धालु मां शक्ति रूपेण की भक्ति में उपवास रखकर नौ दिनों तक लीन रहेंगे। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा घर-घर में श्रद्धा भक्ति के साथ की जाती है। मंदिर प्रबंधन और झांकी समितियों द्वारा इसके लिए तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। पिछले कई वर्षों से बाहर के कलाकारों द्वारा पूर्ण रूप से मां दुर्गा की मूर्ति बनाई जा रही थी। शहर और क्षेत्रों में मां अम्बे की स्थापना के लिए बड़े-बड़े पंडाल सजाए गए हैं। श्रद्धालु इन पंडालों पर लाखों रुपए खर्च किये हैं। गली-मोहल्लों में सार्वजनिक रूप से माता की स्थापना की गई है। सीधी नगर में नवरात्रि को लेकर पहले से तैयारियां शुरू हो गई थी। इस दौरान समितियों द्वारा रोजाना धार्मिक आयोजन किए जाएंगे। रोजाना नौ दिनों तक मां दुर्गा की महाआरती की जाएगी। जिसमें श्रद्धालु भी आस्था के साथ पहुंचकर धार्मिक कार्यक्रम में सहभागिता प्रदर्शित करेंगे। वहीं झांकी समिति एवं नव दुर्गा के सभी सदस्यों की लगातार जिले के समस्त थानों और चौकियों में शांति समिति की बैठक एवं समीक्षा की जा रही है। नौ दिन का चलने वाला यह नवरात्रि का महापर्व हर वर्ग के बूढ़े, बच्चे एवं सभी आम जनमानस बड़े, हर्ष, उल्लास के साथ मनाते हैं। मां दुर्गा की स्थापना के समय परम्परागत बैठकी के चारों तरफ जौ की बुवाई करनें से शुभ एवं अच्छा माना जाता है। इस पर्व में स्थानीय लोगों द्वारा अपने गृह ग्राम देवता एवं घर देवताओं की पूजा कर शक्ति प्रदान करते हैं। इस नौ दिन के पर्व में हर दिन का एक अलग महत्व होता है। शहर के जमोड़ी कला निवासी कामता विश्वकर्मा और उनकी पत्नी ममता विश्वकर्मा मूर्तिकार हैं। उनके द्वारा नवरात्रि के दिनों में करीब 15 सालों से मां दुर्गा की आकर्षक प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं। उनके द्वारा आर्डर पर मिली सभी मूर्तियों को तैयार किया जा चुका है। रंगरोगन के साथ ही आकर्षक चुनरी पहनाने के साथ ही ससाज-सजावट का काम भी आज पूर्ण किया गया। चर्चा के दौरान कलाकार दंपत्ति ने बताया कि उनके द्वारा दुर्गा प्रतिमा का निर्माण लाभ के लिए नहीं बल्कि मां दुर्गा की भक्ति की भावना से किया जा रहा है। इसी वजह से कम से कम कीमत में प्रतिमाएं दी जाती हैं।

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