- औंधे मुंह गिरा कपुरी कोठार के हनुमान मंदिर को ट्रस्ट बनाने की योजना,
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने ग्रामीणों की आपत्तियों पर सुनाया फैसला,
बीरबल समाचार सीधी। जिले के रामपुर नैकिन तहसील के कपुरी कोठार गांव में स्थापित प्राचीन हनुमान मंदिर और विशाल तालाब को सौंदर्यीकरण कराने व रखरखाव करने के बहाने कब्ज़ा करने की नियत से एक व्यापारी ने बजरंग न्यास ट्रस्ट का गोपनीय गठन करके ट्रस्ट को पंजीकृत करने की अपील अनुविभागीय अधिकारी रामपुर नैकिन की न्यायालय में किया जिसकी जानकारी स्थानीय लोगों सहित पुजारी को हुई तो उसका वैधानिक विरोध किया जिसपर राजस्व न्यायालय ने ट्रस्ट गठन को नामंजूर कर दिया है। न्यायालय के आए फैसला को सुनकर पुजारी और बजरंगबली पर आस्था रखने वालों के चेहरे खिल उठे हैं। ज्ञात हो कि कपुरी कोठार के हनुमान मंदिर और तालाब की भव्यता और भक्तों की बढ़ती संख्या को देखकर कपुरी कोठार से लगी पंचायत भरतपुर के व्यापारी जो सामाजिक कार्यकर्ता होने का चोला ओढ़कर घूम रहा है की नियत खराब हो गई तो उसने गांव के कुछ लोगों को अपने साथ मिलाकर बजरंग पर्यटन न्यास ट्रस्ट का गठन गुपचुप तरीके से करके ट्रस्ट को पंजीकृत करने की दरख्वास्त अपील अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में कर दिया। ट्रस्ट का वायलाज खुद तैयार कर ट्रस्ट का पूरा अधिकार अपने पास रख लिया। इसकी जानकारी जब गांव के लोगों को हुई तो कपुरी कोठार ग्राम पंचायत सहित लगभग आधा सैकड़ा गांव के लोगों में (ट्रस्ट बनाकर तालाब मंदिर हड़पने की नियत रखने वाले ) आक्रोश पैदा हो गया सभी ने स्थानीय स्तर पर विरोध करने के साथ साथ एस डी एम रामपुर नैकिन और थाना रामपुर नैकिन में शिकायत दर्ज कराकर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है। ग्रामीणों एवं पुजारी द्वारा की गई दावा आपत्ति को राजस्व न्यायालय जायज मानते हुए ट्रस्ट के सचिव अखिलेश पाण्डेय द्वारा संस्थित आवेदन ट्रस्ट गठन की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है साथ ही पुजारी द्वारा लगाए गए फर्जी हस्ताक्षर करने के आरोप एवं कूट रचित दस्तावेज पेश करने पर कार्रवाई की रखी गई मांग पर संबंधी जनों को सक्षम न्यायालय एवं पुलिस में रिपोर्ट कर कार्रवाई कराने को स्वतंत्र होने का लेख किया है।
पंचायत के बजट से हुए काम को अपना खर्च होना बताया,
कपुरी कोठार हनुमान मंदिर और तालाब के सौंदर्यीकरण विस्तार रखरखाव परिनिर्माण का काम कपुरी कोठार ग्राम पंचायत करा रही है साथ ही स्थानीय व्यापारियों एवं कपुरी कोठार के समीप संचालित अल्ट्राटेक सीमेंट बघवार के द्वारा भी कराया है जिसका प्रमाण दोनों संस्थाओं के दस्तावेज से लिया जा सकता है लेकिन ट्रस्ट बनाकर धर्म स्थल पर भी व्यापार करने की नियत रखने वाले अखिलेश पाण्डेय ने 20सितम्बर 2024को मंदिर परिसर में सम्भाग भर के अपने खैरख्वाह लोगों को बुला कर एक सभा की जिसमें मंदिर और तालाब के विकास और विस्तार में खुद की जेब से खर्च करने का दावा किया है। उन्होंने खुलेआम कहा की मंदिर को भले ही ट्रस्ट में सामिल न करें पर तालाब हम नहीं छोड़ेंगे। जब की तालाब के गहरी करण पार्क निर्माण में उनकी कोई भूमिका नहीं है न ही उन्होंने कोई आर्थिक मदद ही किया है।
बजरंगबली मंदिर को प्राचीन रहने देने की मांग करने वालों पर दबाव बनाने थाने में दिया झूठी दरख्वास्त,
कपुरी कोठार हनुमान मंदिर को प्राचीन बने रहने देने की मांग करने वाले लोगों पर दबाव बनाने की पुरज़ोर कोशिश अखिलेश पाण्डेय एवं उनके सिपहसालारो द्वारा किया जब उनकी बात मंदिर के पुजारी और हनुमान जी महाराज पर आस्था रखने वालों ने मानने इंकार कर दिया तब पुजारी सहित अन्य लोगों पर झूठी और मनगढ़ंत आरोप लगाकर थाना में लिखित शिकायत दर्ज करा कर दबाव बनाया जाने लगा है। श्री पाण्डेय एवं समर्थको ने एक एक को फोन लगा कर यह कह रहे हैं की उनका नाम कटवा देंगे पर मंदिर पुजारी का समर्थन करना बंद करो साथ ही पर्यटन बनाने का समर्थन करो तो पुलिस के झंझटों से बच सकते हैं।
जिनके नाम से हुई शिकायत वो थाना गये ही नहीं,
बजरंगबली की मंदिर और सरोवर को ट्रस्ट में सामिल करने का विरोध करने वालों के खिलाफ सोशल मीडिया में धार्मिक उन्माद फैलाने का झूठा आरोप लगाकर अखिलेश पाण्डेय ने जिन 21लोगो से थाना में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है उनमें अधिकांश लोगों को जानकारी भी नहीं है कि उनके नाम से शिकायत की गई है इतना ही नहीं कुछ लोगों को यह बताकर की ट्रस्ट बनने की जानकारी पुजारी को दी गई थी के दस्तावेज में दस्तखत करना है कहकर कराया गया है वो थाना गये ही नहीं तब शिकायत उनके नाम से कैसे हो गयी जांच का विषय है।
इनका कहना है,
धार्मिक स्थल को पर्यटन स्थल बनाने की कोशिश नाकाम हुई बजरंगबली की कृपा थी की ट्रस्ट बनाने वाले की नियत का पर्दा समय रहते खोल दिए और जनमानस की भावनाओं को देखते हुए विद्वान अधिकारी ने फैसला सुनाया नहीं तो हर जगह अपने कमाई का जरिया खोजने वाला इंसान भगवान की मंदिर में भी दुकान चलाने लगता।
हनुमान प्रसाद मिश्र,
पुजारी कपुरी कोठार हनुमान मंदिर सीधी,
पंचायत की प्राचीन हनुमान मंदिर के भव्यता को लेकर पंचायत और मंदिर से आस्था रखने वाले लोग खुद प्रयास रत रहते हैं जिसके कारण मंदिर दार्शनिक स्थल के रूप में विकसित हो चुका है वहां कराए गए कार्यों का वर्णन शिलालेख में मिल जाएगा लेकिन समीपी गांव भरतपुर के पूर्व वार्ड सदस्य जो इन दिनों हर जगह व्यापार की खोज में रहते हैं ट्रस्ट बनाकर धार्मिक स्थल को अपने व्यापार में सामिल करना चाहते थे उनकी यह नीति औंधे मुंह गिरी है इसमें बजरंगबली की कृपा है।
प्रशांत पाण्डेय
सामाजिक कार्यकर्ता कपुरी कोठार,
मंदिर और तालाब मेरे ग्राम पंचायत की बजट मेरे ग्राम पंचायत का निर्माण मेरे ग्राम पंचायत ने किया और उस कार्य को कराने का दावा भरतपुर का वह व्यक्ति कर रहा है जिसने मंदिर तालाब के लिए कोई योगदान नहीं किया है बल्कि कमाई करने का जरिया खोजा है उन्होंने मंदिर का समर्थन करने वालों को अपराधी बनाने का प्रयास किया है तो ट्रस्ट बनाने में कूट रचित दस्तावेजो का प्रयोग किया था आज आए फैसले ने सावित कर दिया की धर्म और इमानदारी अभी जिंदा है। धर्म की जीत हुई है।