पूर्व नेता प्रतिपक्ष के जन्म दिन पर सोमेश्वर सिंह का विशेष आलेख,
नेता कम जन सेवक अधिक है अजय सिंह राहुल भैया,
बच्चे बूढ़े जवान सब के भैया केवल राहुल भैया,
बीरबल समाचार सीधी। सत्तर साल की उम्र में चालीस साल की राजनीतिक यात्रा। सिर्फ पांच साल मंत्री पद और दो मर्तबा नेता प्रतिपक्ष। दो विधानसभा और दो लोकसभा चुनाव हारे। दो मर्तबा मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका, किंतु खुद चुनाव हार गए। कांग्रेस की सरकार तो बनी लेकिन सरकार में राहुल भैया नहीं थे। विंध्य की राजनीति में कांग्रेस के एक कद्दावर नेता, जिनका सभी दल के नेता सम्मान करते हैं। एक कुशल चुनावी रणनीतिकार के रूप में चित्रकूट,रैगांव विधानसभा तथा सीधी लोकसभा के उपचुनाव में कांग्रेस की विजय सुनिश्चित करने में अहम् भूमिका का निर्वाह कर चुके हैं। जय पराजय दोनों का खट्टा-मीठा अनुभव है। बावजूद इसके भी कभी विचलित नहीं हुए। पूरे दृढ़ता के साथ जमीन और जनता से जुड़े रहे। यथायोग्य जन-सेवा करते रहे।सामाजिक जीवन में संकीर्ण तथा जातीय राजनीति से दूर एक दूरदर्शी और गतिशील नेता के रूप में उनकी छवि है। सदैव कांग्रेस की मुख्य धारा के साथ चलते हुए नेहरू गांधी के आदर्श के प्रति समर्पित रहे। उन्होंने कभी घात-प्रतिघात, दुराग्रह, छल-कपट, गुटबाजी, गिरोह बंदी ,तीन तिकड़म की राजनीति नहीं की। सीधी सच्ची बात करने वाले राजनेता हैं। किसी जमाने में स्वर्गीय अर्जुन सिंह ने विन्ध्य प्रदेश में कांग्रेस को विस्तारित करके एक ठोस नींव रखी थी आज वह नींव दरक रही है। जमीन खिसक चुकी है। फिर भी कांग्रेस नेतृत्व गंभीर नहीं है। मध्य प्रदेश में मौजूदा प्रदेश कांग्रेस पार्टी और उसके बड़े नेता सिर्फ राहुल भैया की घेराबंदी करने में लगे है। दुर्भाग्य है कि आज तक कांग्रेस पार्टी ने राहुल भैया के क्षमता और प्रतिभा का मूल्यांकन नहीं किया। और ना ही उसका सही तरीके से उपयोग किया गया।प्रतिकूल परिस्थितियों के बाद भी आज आम जनता में उनका प्रभाव और लोकप्रियता बनी हुई है। राजनीति में सतत सक्रिय और जन सेवा में प्रयत्नशील रहते हैं। जो भी उनके पास आया बिना किसी भेदभाव के यथासंभव मदद करने में कोई कोताही नहीं करते। एक निर्विवाद और बेदाग छवि वाले नेता हैं। व्यक्तिगत राजनीतिक स्वार्थ के लिए जीवन में कभी कांग्रेस पार्टी के हित को दांव में नहीं लगाया। मैं लंबे समय तक उनका विरोधी, आलोचक और समर्थक भी रहा हूं। आपकी नजरों में राहुल भैया चाहे जो हों किंतु दीर्घकालीन अनुभव के बाद मैं पूरे ईमानदारी के साथ कह सकता हूं कि राहुल भैया बहुत ही नरम और नेक दिलवाले इंसान हैं। वे दीर्घायु हो, स्वस्थ रहें, जन सेवा में सदैव तत्पर रहे। प्रभु से यही प्रार्थना है। अंत में सुप्रसिद्ध कवि बेर्टोल्ट ब्रेस्ट की यह कविता उन्हें समर्पित है:-