बहरी पुलिस की संक्रियता से पकड़ाए गौवंश तस्कर पिकअप वाहन जप्त कर 03 आरोपियों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबंद्ध कर 13 नग गौवंश को कराया गया मुक्त,
बीरबल समाचार सीधी। पुलिस अधीक्षक डॉ. रविंद्र वर्मा के कुशल निर्देशन में तथा अति. पुलिस अधीक्षक अरविन्द श्रीवास्तव व उप पुलिस अधीक्षक मुख्या. सीधी श्रीमती गायत्री तिवारी के मार्गदर्शन में तथा थाना प्रभारी बहरी निरी. राकेश बैस के नेतृत्व में गोवंश की तस्करी कर रहे 03 आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबंद्ध कर उनके कब्जे से 13 नग गौवंशो को कराया गया मुक्त।
मामले का सक्षिप्त विवरणः- थाना प्रभारी बहरी को मुखविर सूचना मिली की बुलेरो पिकअप वाहन क्रमांक एमपी 53 जेडसी 5363 जो कि सफेद रंग की है में अवैध रूप से गौवंश क्रूरता पूर्वक भरकर कत्ल के लिए ले जाने बाले है जो पिकअप बाहन ग्राम नकझर से निकलने वाले है। उक्त सूचना पर थाना प्रभारी बहरी द्वारा वरिष्ट अधिकारियों को अवगत कराया जाकर कार्यवाही हेतु एक टीम को ग्राम मुर्तिहा चौराहा भेजा गया जहा टीम पहुचकर वाहन के आने का इन्तजार की जो कुछ समय बाद एक पिकअप वाहन आते दिखाई दिया जिसको रोका गया तो वाहन पिकअप क्रमांक एमपी 53 जेडसी 5363 एवं वाहन चालक तथा एक अन्य आगे बैठे मिला जिनसे नाम पता पूछा गया तो चालक अपना नाम मो. समसाद पिता अनसर मंसूरी उम्र 35 वर्ष निवासी ग्राम रामपुर थाना अमिलिया एवं उसमे बैठे व्यक्ति अपना नाम जागेस्वर द्विवेदी पिता केशरी प्रसाद द्विवेदी उम्र 38 वर्ष निवासी ग्राम नकझर जिला सीधी का होना बताये। पिकअप के अन्दर गवाहो के समक्ष चेक किया गया जो पिकअप मे गाय एवं बछडे कुल 13 नग क्रूरता पूर्वक बधे हुए मिले जो कि उक्त मवेशियो को कत्ल के लिए पिकअप मे क्रूरता पूर्वक भर कर ले जाया जा रहा था। चालक से वाहन स्वामी के संबंध में पूछताछ की गयी जो वाहन स्वामी ईंकार मो. पिता अनवर बक्स निवासी ग्राम रामपुर थाना अमिलिया का वाहन होना बताया। चालक उपरोक्त से मवेशियों के संबंध में वैध कागजात की मांग की गयी जो नहीं होना बताया। उक्त गौ वंश को जिसमे 6 नग गाय, 3 नग सफेद रंग की बछिया, 03 नग बछड़ा एक नग बैल कुल कीमती करीबन 30000 रुपये एवं वाहन पिकअप क्रमाक एमपी 53 जेडसी 5363 कीमती करीबन 11 लाख रुपये को जप्त किया जाकर कब्जे पुलिस लिया गया। जप्तशुदा गाय एवं बछड़ो को सुरक्षार्थ गौशाला परिसर बहरी मे रखवाया गया। आरोपियों को उक्त कृत्य धारा 4/9, 6/9 म.प्र. गौवंश प्रतिषेध अधि. 2004 एवं पशुक्रूरता अधि. की धारा 11 (1) (घ) के तहत दण्डनीय पाये जाने पर अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया है।