सीधी जिले के पड़रा गाँव में रावे छात्राओं ने गाजरघास उन्मूलन कार्यक्रम में भाग लिया,
बीरबल समाचार सीधी। सीधी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डाॅ. अलका सिंह के निर्देशन में ग्राम पड़रा में रावे छात्राओ के द्वारा गाजरघास जागरूकता कार्यक्रम किया गया। 16-22 अगस्त 2024 तक केन्द्र एवं रावे छात्राओं के द्वारा अधिग्रहित किये गये ग्राम पड़रा में जाकर किसानों को गाजरघास के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया। रावे छात्राओं द्वारा गाँव के प्रमुख चैराहे एवं विभिन्न मार्गों से होते हुये गाँव के सभी हिस्सों में रैली निकाली गई। गाँव में सफाई अभियान चलाकर गाजरघास के पौधों को हटाने का कार्य किया। इस रैली में स्थानीय समुदाय को शामिल किया गया ताकि वे समझ सके कि गाजरघास का उन्मूलन केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं बल्कि सामूहिक प्रयास है। सरपंच ने इस पहल की सराहना करते हुये कहा कि यह अभियान हमारे लिये बहुत महत्वपूर्ण है। रावे छात्राओं ने इस कार्यकम की सहायता से पूरे गाँव को गाजरघास के दुष्प्रभावों से अवगत कराया। जैसे कि गाजरघास से मनुष्यों में त्वचा संबंधी रोग एग्जिमा, एलर्जी, दमा जैसी गंभीर बीमारियाँ उत्पन्न होती है। गाजरघास न सिर्फ मनुष्यों बल्कि पशुओं के लिये भी उतना ही हानिकारक है एवं मृदा की गुणवत्ता को कम करता है एवं फसलों के उत्पादन के लिये पोषण तत्वों और पानी की उपलब्धता को कम करता है। केन्द्र की कार्यक्रम सहायक श्रीमती अमृता तिवारी एवं वैज्ञानिक डाॅ. शैलेन्द्र सिंह गौतम के द्वारा स्थानीय कृषकों को गाजरघास प्रबंधन की तकनीक के बारे में जानकारी प्रदान की गई। गाजरघास प्रबंधन के लिये जायकोग्रामा एवं वाइकोलोराटा जैसे कीटों को यदि गाजरघास के ऊपर छोड़ा जाय तो प्राकृतिक तरीके से गाजरघास का प्रबंधन किया जा सकता है।