नेशनल लोक अदालत के संबंध में प्रधान जिला न्यायाधीश ने की न्यायाधीशगण एवं जिला अधिवक्ता संघ के साथ बैठक
बीरबल समाचार सीधी। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी के अध्यक्ष श्री संजीव कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में वर्ष 2024 में आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालतों के क्रम में वर्ष की तीसरी नेशनल लोक अदालत का आयोजन दिनांक 14 सितंबर 2024 को जिला न्यायालय सीधी तथा सिविल न्यायालय चुरहट, रामपुर नैकिन एवं मझौली में किया जायेगा। दिनांक 14 सितंबर 2024 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु दिनांक 11.09.2024 दिन बुधवार को प्रधान जिला न्यायाधीश श्री संजीव कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में समस्त मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, बीमा कंपनी के अधिवक्तागण तथा आवेदक अधिवक्तागण के साथ बैठक का आयोजन किया गया। उक्त बैठक में विशेष न्यायाधीश श्रीमती रमा जयंत मित्तल, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री बृजेन्द्र सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री वीरेन्द्र जोशी, प्रथम जिला न्यायाधीश श्री राजेश कुमार श्रीवास्तव, तृतीय जिला न्यायाधीश श्री विकास चौहान, चतुर्थ जिला न्यायाधीश श्री गौतम कुमार गुजरे, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सीधी के न्यायालय के तृतीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुश्री उर्मिला यादव, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सिद्धार्थ शुक्ला, चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल श्री देवेन्द्र प्रसाद मिश्रा, डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल श्री विनोद कुमार श्रीवास्तव, डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल श्री बाबूलाल सिंह असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल श्री देवेन्द्र प्रसाद द्विवेदी, असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल श्री सत्यप्रकाश पाण्डेय, असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल श्री ऋषभ सिंह, अधिवक्तागण श्री राजेन्द्र सिंह परिहार, श्री यज्ञ प्रताप सिंह, श्री राजेन्द्र यादव, श्री रमाशंकर केसरी, श्री रावेन्द्र शर्मा, श्री उत्तम सिंह चौहान, श्री सतीश शुक्ला सहित जिला न्यायालय के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा। लोक अदालत के माध्यम से राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरणों, सिविल प्रकरणों, चेक बाउंस प्रकरणों, वैवाहिक एवं पारिवारिक प्रकरणों, विद्युत अधिनियम के प्रकरणों, धन वसूली प्रकरणों आदि का निराकरण पक्षकारों की आपसी सहमति से किया जावेगा। नेशनल लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के लिए निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, पाॅंच किलो वाट तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी जावेगी। इन प्रकरणों में प्री-लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि में 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी। लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि में 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी। सामान्य विद्युत देयकों के विरूद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जावेगी। यह छूट मात्र नेशनल लोक अदालत दिनांक 14.09.2024 में समझौता करने के लिए ही लागू रहेगी। अपराध शमन फीस, अधिनियम के प्रावधान अनुसार वसूल की जावेगी।