ब्रह्मकुमारी आश्रम में स्नेह सम्मेलन अयोजित,

 

 

 

 

 

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के जिला मुख्यालय सीधी स्थित मुख्य सेवा केन्द्र में शिक्षकों का स्नेह सम्मेलन एवं सम्मान का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें जिले से सरकारी व निजी स्कूलों के अध्यापकगण पहुँचे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। ब्रह्माकुमारीज की सीधी जिले स्थित सेवा केंद्रो की प्रभारी राजयोगिनी रेखा दीदी द्वारा शिक्षकों के द्वारा श्रेष्ठ संस्कारों और श्रेष्ठ समाज के निर्माण में उनकी भूमिका पर प्रकाश डालते

बताया गया कि श्रेष्ठ समाज बनाने में अध्यापक की बहुत अहम भूमिका होती है। शिक्षक वह जो जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना कर बच्चो का भविष्य बनाते है। अगर अध्यापक चरित्रवान है तो उसके विद्यार्थी भी चरित्रवान और महान बनते हैं। अध्यापक का मतलब केवल किताबी ज्ञान बांटने वाला नही बल्कि अध्यापक अर्थात् आदर्श एवं पवित्र व्यक्तित्व। आध्यात्मिक ज्ञान के बिना हिंसा वा अपराध को समाप्त नही किया जा सकता। एक अध्यापक को शिक्षा स्वरुप बनकर ही बच्चों को शिक्षा देनी चाहिए। धर्म का अर्थ वास्तव में यही है कि इस समाज में हमारे जो उत्तरदायित्व है अर्थात जो कर्तव्य हैं उनका अच्छी तरह से स्वयं भी निर्वहन करते रहे। भारत को विश्व गुरु बनाने में अध्यापक की अहम भूमिका है। अगर अध्यापक ठान ले और मन से तैयार हो जाये तो बहुत जल्द यह श्रेष्ठ कार्य पूरा हो जाएगा। इस मौके पर मंच पर उपस्थित सभी शिक्षकों ने अपने विचार व्यक्त किये। इस दौरान सभी ने ब्रह्माभोजन भी स्वीकार किया।

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