वाहनों से काली फिल्म हटाने मुहिम ठप्प, शहर में धडल्ले से घूम रही काली फिल्म लगी गाडियां,

 

 

 

 

 

 

बीरबल समाचार सीधी। लग्जरी वाहनों के शीशे पर काली फिल्म लगाना फैशन हो गया है। वीआइपी से लेकर आम लोगों के लग्जरी वाहन इस तरह की फिल्मों से अछूते नहीं रहते। काली फिल्म लगने से वाहन के भीतर क्या हो रहा है, देखा नहीं जा सकता। अंदर असलहे हैं या कुछ और इसका पता नहीं चलता। पुलिस का काली फिल्म व कागजात का अभियान व्यक्ति दर व्यक्ति अलग अंदाज में चलता है, जबकि परिवहन विभाग नाम मात्र के लिए भी कार्यवाही करता। शहर में पुलिस की चेकिंग यदाकदा चलती है उसमें सिर्फ बाइक एवं आटो चालक कार्यवाही की भेंट चढ़ते हैं। खास बात यह है कि जिले में इन दिनों काली फिल्म लगी गाडियां भारी संख्या में दिखने लगीं हैं लेकिन जिम्मेवार प्रशासन को नहीं दिख रही है। इन दिनों सबसे ज्यादा थार गाड़ी में सबसे ज्यादा काली फिल्म लगी देखी जा रही है। सूत्र बताते हैं कि अवैध कारोबार में लिप्त ऐसे लोगों द्वारा सबसे ज्यादा वाहनों में काली फिल्म लगाई जाती हैं, ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी पुलिस और आरटीओ विभाग को नहीं हैं, वाबजूद इसके ऐसे वाहनों से न तो काली फिल्म उतारी जा रही है और न ही ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाती हैं।

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