प्रभारी प्राचार्य की प्रताडऩा से तंग शिक्षिका ने पुलिस से की शिकायत,

पैसे की मांग पूरी न करने पर प्राचार्य ने कर दिया स्कूल से मुक्त,

काफी दिनों से शिक्षिका को प्रताडि़त कर रहे थे प्राचार्य,

 

 

 

 बीरबल समाचार सीधी। प्रभारी प्राचार्य की प्रताडऩा से तंग शिक्षिका ने पुलिस से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है। चुरहट थाना में दिए गए अपने शिकायती आवेदन में शिक्षिका ने कहा है कि पैसे की मांग पूरी न करने पर प्राचार्य ने मनमानी तौर पर उसे कार्य मुक्त कर दिया, जबकि वह हार्ट की मरीज है। इस वजह से उनको बड़े अस्पताल के समीप हर समय रहने की जरूरत है। पैसे के लिए शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चुरहट के प्रभारी प्राचार्य अरुण कुमार पटेल एवं लिपिक अभय शंकर मिश्र कई दिनों से परेशान कर रहे थे। इनके द्वारा 50 हजार रुपए की मांग की जा रही थी। रुपए न देने पर कार्य मुक्त करने की धमकी दी जा रही थी। आखिर उनके स्वास्थ्य को नजर अंदाज करते हुए विद्यालय से कार्यमुक्त कर दिया गया। पुलिस को दिए आवेदन में पीडि़ता शिक्षका श्रीमती सीमा सिंह ने कहा है कि वह हार्ट की मरीज हैं। इस वजह से कलेक्टर के अनुमोदन के पश्चात जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उनका संलग्रीकरण शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चुरहट में किया गया था। संलग्रीकरण समाप्त करने की धमकी संकुल प्राचार्य अरुण कुमार पटेल एवं लिपिक अभय शंकर मिश्र द्वारा किया जा रहा था। अभी 30 अगस्त को रुपए न मिलने पर प्रभारी प्राचार्य एवं लिपिक द्वारा काफी प्रताडि़त करते हुए संलग्रीकरण निरस्त कर दिया गया। पीडि़ता शिक्षिका ने मानसिक रूप से प्रताडि़त करने वाले अधिकारी, कर्मचारी पर कार्यवाही की मांग की है।

 

 

 

 

विद्यालय से हटाने की उठी मांग,

 

 

 

 

 

 उधर विद्यालय के कुछ शिक्षकों ने भी चर्चा के दौरान नाम न छापने का अनुरोध करते हुए बताया कि प्रभारी प्राचार्य अरुण कुमार पटेल की कार्यशैली पूरी तरह से विवादास्पद है। उनके द्वारा विद्यालय में धार्मिक कार्यों को लेकर भी काफी विवादास्पद बातें की जाती हैं। इस तरह मनमानी कार्यों की शिकायत कई बार जिला में बैठे अधिकारियों के पास पहुंच चुकी है। फिर भी क्या कारण है कि इतने बड़े विद्यालय का प्रभारी प्राचार्य अरुण कुमार पटेल को बनाने के लिए मेहरबानी दिखाई जा रही है। यही हाल यहां के लिपिक अभय शंकर मिश्र की भी है। इनके द्वारा संकुल के शिक्षकों पर ऐसा रौब दिखाया जाता है कि वही सब कुछ हैं। सुविधा शुल्क मिलने के बाद ही शिक्षकों के छोटे-छोटे कार्य यहां से होते हैं। विद्यालय की व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने के लिए प्रभारी प्राचार्य एवं लिपिक को यहां से तत्काल हटाना आवश्यक है। जिससे संकुल एवं विद्यालय की पटरी से उतरी सभी व्यवस्थाएं सही हो सकें। यहां ऐसा वातावरण बने जो कि शिक्षकीय आचरण के अनुसार हो।

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